लोहाघाट उप जिला अस्पताल के हाल
इमरजेंसी में तैनात स्टाफ की चोटिल शख्स के तीमारदार को हिदायत
जख्मी शख्स ने चंपावत के निजी क्लीनिक के बाद तीन और एक्सरे लोहाघाट के निजी क्लीनिक से कराए
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। रात का वक्त। बाइक हादसे में चोटिल दर्द से करा रहा एक शख्स अस्पताल पहुंचता है। अस्पताल का इमरजेंसी में तैनात स्टाफ पर्ची बनाने के बाद मरीज से कहता है कि यहां एक्सरे नहीं होगा। स्टाफ की ओर से एक निजी अस्पताल का नाम लेकर कहा जाता है कि बाहर निजी अस्पताल से एक्सरे करा लाओ। फिर जख्मी के साथ गया व्यक्ति पूछता है कि क्या एक्सरे के बाद हाथ में प्लास्टर हो जाएगा? जवाब मिलता है कि ऑर्थोपैडिक सर्जन नहीं है, यहां नहीं होगा। स्वास्थ्य सेवाओं के हाल की ये बानगी है मॉडल डिस्ट्रिक्ट के लोहाघाट उप जिला अस्पताल की।
चंपावत से बाराकोट जा रहे राष्ट्रीय सहारा के पत्रकार ललित मोहन जोशी लोहाघाट के पास 14 नवंबर की रात को बाइक हादसे में चोटिल हो गए थे। दुर्घटना के बाद आननफानन में उन्हें लोहाघाट उप जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में इमरजेंसी में तैनात स्टाफ ने हालत देखने के बाद एक इंजेक्शन लगाया और फिर निजी अस्पताल में एक्सरे कराने के लिए कहा। जख्मी पत्रकार के साथ गए व्यक्ति ने पूछा कि क्या एक्सरे कराने के बाद प्लास्टर या जो अन्य जरूरी इलाज चाहिए, वह अस्पताल में मिल जाएगा। स्टाफ ने जवाब दिया अस्थिरोग विशेषज्ञ नहीं होने से इलाज नहीं मिल सकेगा।
हाथ की चोट से कराह रहे जोशी ने किसी तरह रात काटी और अगले दिन 15 नवंबर को चंपावत जिला अस्पताल दिखााया। कार्तिक पूर्णिमासी का अवकाश होने से इमरजेंसी में देखा गया, लेकिन एक्सरे के लिए यहां भी निजी अस्पताल की शरण लेनी पड़ी। बाद में जख्मी जोशी को लोहाघाट के निजी अस्पताल में तीन और एक्सरे कराने पड़े। कुछ दवाएं भी बाहर से लेनी पड़ी। चोटिल पत्रकार का कहना है कि इस पूरी कवायद में 3300 रुपये का खर्च तो आया ही, लेकिन उससे भी ज्यादा मॉडल डिस्ट्रिक्ट की इमरजेंसी सेवा की बदहाली उजागर हुई।
बदहाल सेहत से उपजे सवाल:
1.लोहाघाट अस्पताल में इमरजेंसी में एक्सरे की सुविधा क्यों नहीं।
2.अस्पताल ने चोटिल शख्स को न भर्ती किया, न डिस्चार्ज और न ही रेफर। थकहार कर खुद ही घायल व्यक्ति को अस्पताल से जाना पड़ा।
3.जिला अस्पताल में 15 नवंबर को इमरजेंसी में घायल व्यक्ति को देखा गया, लेकिन एक्सरे बाहर से कराना पड़ा।
4.बाद में लोहाघाट में निजी अस्पताल में तीन और एक्सरे कराने के बाद कच्चा प्लास्टर भी बाहर कराना पड़ा।
लोहाघाट अस्पताल में खाली हैं डॉक्टरों के 8 पद:
चंपावत/लोहाघााट। लोहाघाट उप जिला अस्पताल में डॉक्टरों के 21 पद स्वीकृत हैं, लेकिन तैनाती 13 की ही है। अधिकांश विशेषज्ञ पद खाली हैं। सीएमएस डॉ. सोनाली मंडल का कहना है कि तीन (रेडियोलॉजिस्ट, नेत्र सर्जन और निश्चेतक) विशेषज्ञ पदों को छोड़कर शेष सभी विशेषज्ञ खाली हैं। जनरल सर्जन, फिजिशियन, ईएनटी, अस्थिरोग, गायनोकॉलोजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ के पद खाली हैं।
एक्सरे तकनीशियन को बुलाकर कराते हैं एक्सरे:CMS डॉ. सोनाली मंडल
लोहाघाट अस्पताल की मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. सोनाली मंडल का कहना है कि एक्सरे बाहर से कराने के लिए अस्पताल सामान्य रूप से नहीं कहता है। इमरजेंसी केस में एक्सरे तकनीशियन को बुलाकर एक्सरे कराया जाता है। फिर ऐसा क्यों हुआ? औपचारिक रूप से शिकायत मिलने पर इसका पता लगाया जाएगा।