संस्कृत भाषा प्राचीन ही नहीं वैज्ञानिक और प्रासंगिक भीः सतीश पांडेय

संस्कृत नाटक में देवीधुरा का डंका…जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता इंद्रपुरी, लोहाघाट, पनिया, दियारतोली, रीठाखाल का भी बेहतरीन प्रदर्शन
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता संपन्न हो गई। प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि गीतांजलि सेवा संस्थान के अध्यक्ष सतीश पांडेय ने किया। कहा कि संस्कृत भाषा जितनी प्राचीन है, उतनी ही वैज्ञानिक और प्रासंगिक भी है। इसलिए वर्तमान पीढ़ी को संस्कृत भाषा का ज्ञान लेना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह सिंह बिष्ट, जीजीआईसी की प्रधानाचार्या राखी सक्सेना, पूर्व प्राचार्य नवीन ओली, एडवोकेट नवीन मुरारी, राजू गड़कोटी रहे। वरिष्ठ वर्ग की संस्कृत नाटक में श्री वाराही देवी संस्कृत महाविद्यालय देवीधुरा, जीआईसी दियारतोली, विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कालेज लोहाघाट, समूहगान में दीन दयाल उपाध्याय इंटर काँलेज इंद्रपुरी, जीआईसी पनिया, जीआईसी रीठाखाल, संस्कृत वाद-विवाद में जीआईसी पनिया, इंटर काँलेज इंद्रपुरी, पीजी काँलेज लोहाघाट, संस्कृत आशु भाषण में श्री वाराही देवी संस्कृत महाविद्यालय देवीधुरा, इंटर काँलेज इंद्रपुरी, पीजी काँलेज लोहाघाट, श्लोकोच्चारण में जीजीआईसी लोहाघाट, श्री वाराही देवी संस्कृत महाविद्यालय देवीधुरा, जीआईसी पनिया क्रमशः पहले तीन स्थानों पर रहे।
जिला संयोजक हरीश चंद्र कलौनी ने अतिथियों का स्वागत किया। निर्णायक भूप सिंह धामी, हरिहर भट्ट, सतीश जोशी, उमापति जोशी, हेम चंद्र पांडेय, प्रकाश चंद्र उपाध्याय, हीराबल्लभ पांडेय, घनश्याम जोशी, कैलाश जोशी, नवीन पुनेठा, पूजा शाह, नवीन जोशी रहे। इस दौरान प्रवक्ता सामश्रवा आर्य, भगवान जोशी, गोपाल पंतोला, हरिशंकर गहतोड़ी, पंचदेव पांडेय, सतीश जोशी, जगदीश जोशी, राजू शंकर जोशी, गणेश पुनेठा, नीता लोहनी, रेणुका बिष्ट, जगदीश जोशी, राजू शंकर जोशी, पूनम उपाध्याय, घनश्याम जोशी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में नशा हटाओ जीवन बचाओ के संयोजक सामश्रवा आर्य ने नशे के खिलाफ 100 बच्चों को जागरूक करने के साथ ही संकल्प पत्र भी भरवाए।

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