लेटी से तरकुली होते हुए टनकपुर-जौलजीबी रोड से जुड़ी सड़क
मंडी परिषद ने 99.45 लाख रुपये से बनाई 7 किलोमीटर लंबी सड़क
सड़क से आवाजाही होने पर तल्लादेश के कई गांवों के लोगों के अलावा एसएसबी को मिलेगी सुविधा
देवभूमि टुडे
चंपावत/तल्लादेश। नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश क्षेत्र के कई गांवों के लिए इस बार की दिवाली मुश्किलों के अंधेरे को मिटाने वाली रही। तल्लादेश के तरकुली सहित कई गांव अब मैदानी क्षेत्र टनकपुर के करीब आ जाएंगे। तल्लोदश के लेटी-तरकुली सड़क से रूपालीगाड़ तक हल्के वाहनों की आवाजाही तो 15 अक्टूबर से प्रायोगिक तौर पर शुरू हो गई थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका बाकायदा वर्चुअल लोकार्पण भी कर दिया है। मंडी परिषद से बनी यह सड़क निर्माणाधीन टनकपुर-जौलजीबी सड़क के पड़ाव रूपालीगाड़ से मिल गई है। रूपालीगाड़ से 55 किलोमीटर दूर टनकपुर तक सड़क है। अलबत्ता अभी मार्ग पर चूका में लधिया पर पुल नहीं बनने से बरसातों में दुश्वारी आएगी। पुल का काम चल रहा है।
तल्लादेश के मंच-लेटी-तरकुली सड़क से 8 किलोमीटर दूर रूपालीगाड़ तक की सड़क का मुख्यमंत्री ने वर्चुअली उद्घाटन किया। मंडी परिषद ने 99.45 लाख रुपये से सड़क का मिलान कार्य किया है। सड़क से आवाजाही होने पर तल्लादेश के कई गांवों को सुविधा मिलेगी। कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के महाप्रबंधक विजय सिंह ने बताया कि 7 किलोमीटर लंबी सड़क का मिलान दो चरणों में किया गया। जिसमें पहले चरण में 49.85 लाख रुपये और दूसरे चरण में 49.82 लाख रुपये से काम हुआ। इस सड़क से तरकुली, आमड़ा सहित कई गांवों के अलावा सीमा क्षेत्र की सुरक्षा में मुस्तैद एसएसबी के जवानों को भी लाभ होगा। इस मौके पर वन विकास निगम के सदस्य हरीश भट्ट, जिला पंचायत सदस्य संगीता महर, क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपा रैंसवाल, ग्राम प्रधान रेनू देवी सहित कई लोग मौजूद थे।
तल्लादेश के लोगों को अब तक मैदानी क्षेत्र टनकपुर जाने के लिए कुल 126 किलोमीटर (पहले तामली से 51 किलोमीटर दूर चंपावत और फिर 75 किलोमीटर दूर टनकपुर पहुंचना) होता है। लेकिन अब तल्लादेश के लोग चंपावत आए बगैर सीधे टनकपुर जा सकेंगे। इससे करीब आधी दूरी कम होगी। इससे समय और आवाजाही के खर्च में कमी आएगी।
सड़क से होंगे ये लाभ:
1.तल्लादेश की मैदान से सड़क दूरी कम होगी।
2.स्स्क्च की बॉडज़्र आउटपोस्ट के जवानों को सुविधा मिलेगी।
3.किसानों को अपनी उपज टनकपुर मंडी तक पहुंचाना आसान होगा।
4.ग्रामीणों को पैदल दूरी से निजात मिलेगी।