नेपाल सीमा से लगे बकोड़ा गांव के बीमार को 10 लोगों की मदद से 15 किमी दूर सड़क तक पहुंचाया, बकोड़ा में सड़क न स्वास्थ्य की सुविधा
देवभूमि टुडे, (राहुल महर)
चंपावत/तल्लादेश। सड़क न सेहत। ये हाल है नेपाल सीमा से लगे MODEL DISTRICT और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र वाले चंपावत के तल्लादेश क्षेत्र के बकोड़ा गांव का। और इसका नतीजा यह हुआ कि चंपावत के बकोड़ा के ग्रामीण को जिला अस्पताल तक पहुंचाने में ही घंटों लग गए। मरीज को डोली के सहारे मुख्य सड़क तक लाकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उन्हें हायर सेंटर हल्द्वानी भेज दिया गया।
सड़क विहीन बकोड़ा गांव के 50 वर्षीय तेज सिंह पुत्र भवान सिंह के पेट में 31 अक्टूबर की शाम करीब साढे़ 5 बजे एकाएक तेज दर्द उठा। तेज सिंह को बकोड़ा गांव से 15 किलोमीटर दूर मंच रोड तक डोली के जरिए पहुंचाया गया। गांव के 10 नौजवानों ने बीमार को एक डंडे में बांधा और उतार-चढ़ाव को पार कर 15 किमी का पैदल रास्ता तय कर मंच तक लाए। जहां से आपात सेवा 108 की एंबुलेंस की मदद से बीमार को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जांच में तेज सिंह की आंतों में छेंद हो गया है, और समय पर उसका आँपरेशन जरूरी है। प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने तेज सिंह को हायर सेंटर भेज दिया। डोली को कंधा देने वाले बल्लू, मोहित सिंह, सुंदर सिंह, विनोद सिंह, संदीप, शेखर, कुंदन, नरेंद्र आदि ने डोली को सहारा दिया। ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सड़क नहीं होने से इस ग्राम पंचायत के लोग पलायन को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री और विधायक चंपावत विधानसभा का होने के बाद भी गांव के लिए एक दशक पूर्व मंजूर सड़क का कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। बीडीसी सदस्य दिनेश बोहरा ने बताया कि दिवाली के त्योहार में लोग बाहर से अपने घरों में आए हैं, लेकिन उन्हें त्योहार मनाने के बजाए मरीज की डोली को कंधा देना पड़ा।