योजना की डिजाइन के बाद बनाई जाएगी DPR
मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल है पूर्णागिरि धाम की पेयजल योजना
वर्तमान में पेयजल योजनाओं से 20 लाख लीटर के सापेक्ष मिल रहा महज एक-तिहाई पानी
देवभूमि टुडे
चंपावत/पूर्णागिरि धाम। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में पेयजल संकट के स्थाई समाधान के लिए लादीगाड़ से पेयजल योजना का निर्माण किया जाएगा। योजना के निर्माण के लिए जल संस्थान के इंजीनियरों की टीम में सर्वे पूरा कर लिया है। जल्द इसकी DPR (विस्त्रित प्रगति रिपोर्ट) तैयार की जाएगी।
पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी का कहना है कि उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध पूर्णागिरि धाम में हर साल 30 लाख से अधिक श्रद्धालु देवी दर्शन करते हैं। तमाम बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद धाम में पेयजल की किल्लत रहती है। खासकर 3 माह तक चलने वाले सरकारी मेले में सबसे ज्यादा दुश्वारी होती है। ईई विलाल युनूस का कहना है कि धाम क्षेत्र में इस समय निगालीगाड़, जलकुनिया, ठुलीगाड़ और भवानीगाड़ की योजनाओं से पेयजल सप्लाई की जा रही है। इन योजनाओं से क्षेत्र की 20 लाख लीटर रोजाना के सापेक्ष महज 70 हजार लीटर ही पानी मिल पा रहा है।
पेयजल के इस संकट को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल मार्च में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए नई पेयजल योजना बनाने का ऐलान किया था। सीएम के ऐलान के क्रम में जल संस्थान के इंजीनियरों ने लादीगाड़ और ठुलीगाड़ से योजना का पिछले सप्ताह ट्रायल और सर्वे किया। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विलाल युनूस ने बताया कि शुरुआती ट्रायल में लादीगाड़ योजना का निर्माण उपयुक्त पाया गया है। योजना के लिए ट्रायल तकरीबन पूरा हो गया है। डिजाइन बनाने के साथ ही योजना को जल्द ही स्वीकृति के शासन को भेजा जाएगा। डिजाइन व डीपीआर बनाने के बाद योजना को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।
सर्वे के दौरान पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी, सचिव सुरेश तिवारी, पंडित मोहन पांडेय, जल संस्थान के सहायक अभियंता बीएस कुआर्बी, अपर सहायक अभियंता विपिन कलोनी आदि मौजूद थे। योजना के ट्रायल से पूर्व पूजा-अर्चना भी हुई।