बहादुर जंगबाज ने ली अंतिम सांस…

दो युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे करने वाले मानी चंद नहीं रहे
1965 और 1971 के युद्ध में दिखाई थी बहादुरी, टनकपुर शारदा घाट में उनका अंतिम संस्कार
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। पाकिस्तान के खिलाफ (1965 और 1971) दो युद्ध में बहादुरी दिखाने वाले फौजी मानी चंद नहीं रहे। टनकपुर के आमबाग निवासी सूबेदार चंद ने 26 अक्टूबर को अपने आवास में अंतिम सांस ली। टनकपुर शारदा घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। चिता को उनके पुत्र विनोद चंद और प्रमोद चंद ने मुखाग्नि दी। नम नेत्रों से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के अलावा आम लोगों ने 81 साल के बहादुर सूबेदार को अंतिम विदाई दी।
सूबेदार मानी चंद बंगाल इंजीनियर रेजीमेंट से सेवानिवृत्त थे। पाकिस्तान के साथ दो युद्धों में उन्होंने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था। उनके निधन पर टनकपुर और बनबसा में शोक की लहर दौड़ गई। गौरव सेनानी कल्याण समिति ने गहरा शोक जताया है। निधन पर विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल, सीएम कैंप कार्यालय के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष विपिन कुमार, हर्षवर्धन रावत, वन विकास निगम के सदस्य हरीश भट्ट सहित तमाम लोगों ने शोक जताया है।

सूबेदार मानी चंद (फाइल फोटो)
error: Content is protected !!