HIGH COURT का आदेश…निर्दलीय प्रत्याशी हिमेश कलखुड़िया पर 15 हजार रुपये का जुर्माना

विधायक अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती देती याचिका पर एकतरफा सुनवाई का आदेश वास लेने का दिया था प्रार्थना पत्र
2022 के चुनाव में निर्दलीय रूप से लोहाघाट सीट से प्रत्याशी थे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कलखुड़िया
मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को
देवभूमि टुडे
चंपावत/नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायायल ने विधानसभा सीट लोहाघाट से 2022 में निर्दलीय प्रत्याशी रहे हिमेश कलखुड़िया पर 15 हजार जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका एकतरफा सुनवाई करने से संबंधित आदेश को वापस लेने वाले प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिय हैा। हाईकोर्ट ने हिमेश कलखुड़िया को एक सप्ताह के भीतर 15 हजार रुपये की राशि का भुगतान याचिकाकर्ता पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल को करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में लिखित बयान या पक्ष दस दिन के भीतर दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। निर्दलीय के रूप में 2022 में चुनाव लडऩे वाले हिमेश कलखुड़िया भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं और दो साल पूर्व उनकी फिर से भाजपा में वापसी हो चुकी है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ में लोहाघाट के कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती देती भाजपा के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक पूरन सिंह फत्र्याल की याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व में इस याचिका पर सुनवाई से जज रवींद्र मैठाणी ने खुद को अलग कर लिया था। जिसके बाद यह मामला मुख्य न्यायायाधीश ने न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ में भेजा है। न्यायमूर्ति वर्मा की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी रहे हिमेश कलखुडिय़ा ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया था कि उनको कोर्ट में चुनाव याचिका की जानकारी नहीं है। हाल ही मेंं जानकारी मिली, तो वे अपना पक्ष रखना चाहते हैं। जबकि याचिकाकर्ता पूर्व विधायक फर्त्याल के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने सभी सातों प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया था, लेकिन विधायक खुशाल सिंंह अधिकारी को छोड़ किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा। जून 2022 में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने जवाब दाखिल किया था।
एकल पीठ की ओर से पारित आदेश में कहा गया है कि न्याय हित में प्रतिवादी हिमेश कलखुड़िया को न्याय हित में गुण-दोष के आधार 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए पर प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया।

हिमेश कलखुड़िया।
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