स्वांला में 4 मशीन लगा हो रहा रोड खोलने का काम, चंपावत जिले की 57 सड़कों पर भी बंद है आवाजाही
देवभूमि टुडे
चंपावत। स्वांला का danger zone (सितारगंज से 106.30 किमी दूर) टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए लगातार चुनौती बन रहा है। एक बार फिर आज बुधवार को भी इस स्थान पर आवाजाही बंद हो गई है। स्वांला पर आए मलबे को हटाकर टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। एनएच के अलावा चंपावत जिले की 57 अन्य सड़कें भी बंद हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कल 17 सितंबर की रात करीब 7.15 बजे से स्वांला पर आए मलबे और पत्थरों से सड़क बंद है। कल मंगलवार को इसी जगह पर एक कैंटर खाई में लुढ़क गया था। मना करने के बावजूद कैंटर निकालने की जिद करने वाले ड्राइवर ने कूदकर आपनी जान बचाई थी। स्वांला में मलबा आने से आवाजाही तो रात सवा सात बजे से बंद है, लेकिन रात में वाहनों के आवागमन पर रोक से इसका असर आज सुबह 18 सितंबर से नजर आया। मैदानी क्षेत्र टनकपुर और पहाड़ी क्षेत्र चंपावत, लोहाघाट में बड़ी संख्या में वाहन फंसे हैं। लोगों की एनएच से आवाजाही नहीं हो पा रही है। लोनिवि के NH खंड लोहाघाट के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार के मुताबिक स्वांला में 4 मशीन लगा रोड खोलने का काम किया जा रहा है। वहीं चंपावत जिले में 57 सड़कें अभी भी बंद होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण जन जीवन प्रभावित हो रहा है।