ट्रेल से बढे़ंगी इको टूरिज्म गतिविधियां, हाईटेक बस्तिया पौधशाला के कार्यों की हुई तारीफ
देवभूमि टुडे
चंपावत। विख्यात अंग्रेज शिकारी जिम काँर्बेट की चंपावत वन प्रभाग के अंतर्ग कुल 6 ट्रेल विकसित की जाएंगी। इन ट्रेलों की कुल लंबाई 35 किलोमीटर रहेगी। उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक और प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) डाँ. समीर सिन्हा ने 11 सितंबर को ट्रेल की साइट के आधा किलोमीटर हिस्से का मुआयना किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस काँर्बेट ट्रेल के निर्माण की घोषणा की थी।
काँर्बेट ट्रेल परियोजना के तहत 7 वन विश्राम भवनों का जीर्णोद्धार होगा। स्थानीय युवकों को नेचर गाइड एवं बर्ड वाँचिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के साथ होम स्टे एवं इको टूरिज्म गतिविधियों के प्रोत्साहन से 200 लाभार्थियों को जोड़ा जा सकेगा। आसपास के 8 ग्रामों में EDC (इको विकास समिति) के गठन के जरिए इको टूरिज्म गतिविधियों का समग्र रूप से संचालन एवं प्रबंधन किया जाना है। ट्रेल को विकसित करने के लिए मुख्य मोटर मार्ग एवं जगह-जगह पर साइनेज विकसित किए जाएं। इस ट्रेल के जरिए आम लोगों को जोड़ रोजगार के अवसर बढ़ाने के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डाँ. समीर सिन्हा ने निर्देश दिए। इस ऐतिहासिक स्थल पर जिम काँर्बेट ने 1907 में चंपावत के प्रसिद्ध मैन ईटर टाइग्रेस, जिसने 436 व्यक्तियों को मारा था, का शिकार किया था।
इससे पूर्व डाँ. समीर सिन्हा ने हाईटेक बस्तिया पौधशाला का निरीक्षण कर वहां के कार्यों को सराहा। 0.5 हेक्टेयर की इस पौधशाला में मुख्य रूप से तेजपात, आंवला, रीठा, नींबू गुलमोहर, कचनार और अन्य शोभाकार प्रजाति विकसित की गई हैं। इस नर्सरी से इस वन प्रभाग के दोगाड़ी, बूम और चंपावत रेंज के अलावा सुरक्षा बलों, हरेला पर्व आदि मौकों पर पौधों की आपूर्ति की जाती है। चंपावत वन प्रभाग के दो दिनी निरीक्षण के दौरान के साथ पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक डाँ. विनय भार्गव, चंपावत के प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चंद्र कांडपाल, उप प्रभागीय वन अधिकारी नेहा चौधरी, लोहाघाट की एसीएफ प्रशंसा टम्टा आदि मौजूद थे।