गुस्से में गुरुजी…चंपावत में शिक्षकों ने भरी हुंकार, लड़ेंगे आरपार की जंग

प्रधानाचार्यो की सीधी भर्ती के विरोध में सीईओ परिसर में दिया धरना
कई कर्मचारी संगठनों ने भी दिया आंदोलन को समर्थन
चंपावत जिले के 105 स्कूलों की पढ़ाई रही प्रभावित
देवभूमि टुडे
चंपावत। माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में राजकीय शिक्षक संगठन ने 6 सितंबर को शिक्षा भवन में हुंकार भरी। सैकड़ों शिक्षकों ने जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। दिनभर मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दे सीधी भर्ती को रद्द करने के साथ ही पदोन्नति की पुरानी प्रणाली को लागू करने की मांग की गई। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। शिक्षकों के इस आंदोलन को मिनिस्ट्रीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन में शिरकत कर आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया। 1400 से अधिक शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश लेकर धरने में शामिल होने से चंपावत जिले के 105 स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित रही। मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि सिर्फ 226 अतिथि शिक्षक और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से रखे गए 7 शिक्षक ही स्कूलों में रहे।
राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी की अध्यक्षता और महामंत्री इंदुवर जोशी के संचालन में शिक्षकों ने प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती निकालकर शिक्षक हितों और उनके सम्मान के साथ कुठाराघात कर रही है। कहा कि प्रधानाचार्यों के पदों को शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाना चाहिए। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को निरस्त नहीं किए जाने पर बड़े पैमाने में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।
कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से 29 सितंबर को प्रधानाचार्यों सीधी भर्ती परीक्षा प्रस्तावित है। लेकिन प्रदेश के 95 फीसदी शिक्षक इस भर्ती प्रक्रिया से खुश नहीं है। उनका मानना है कि शिक्षकों के भविष्य और सम्मान के लिए प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती परीक्षा बदनुमा दाग है। इस मौके पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष गोविंद बोरा, महामंत्री बंशीधर थ्वाल, पर्वतीय शिक्षक कमज़्चारी संगठन के जिलाध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी, मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के महामंत्री जीवन चंद्र ओली, एससी-एसटी शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री सुनील टम्टा और प्रधानाचार्य एसोसिएशन के उमेद सिंह बिष्ट आदि ने समर्थन दिया। धरने में राजकीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष अनिल कुमार, बबीता सिंह, पारूल शर्मा, ज्योति, जीवन राय, सुनील पांडेय, प्रकाश बोहरा, सुरेश प्रसाद, भूपेश जोशी, ब्लॉक अध्यक्ष विनोद गहतोड़ी आदि ने विचार रखे। धरने में मुकेश वर्मा, दीपक अधिकारी, खुशाल सिंह रावत, प्रकाश उपाध्याय, ललित मोहन, रितेश वर्मा, गिरीश चंद्र भट्ट, नवीन पंत, मिंटू सिंह राणा, ललित मोहन भट्ट, रवि बागोटी, प्रेम गंगवार, नीलम पांडेय, कल्पना आर्या, बीना चौधरी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल थे। इससे पूर्व शिक्षकों ने 2 सितंबर को स्कूलों में चॉक डाउन हड़ताल और 5 सितंबर को शिक्षक दिवस को काला दिवस मनाया।
शिक्षकों के आंदोलन का आगे का है ये कार्यक्रम:
1.9 सितंबर: शिक्षा निदेशालय में मंडल और प्रांतीय पदाधिकारी धरना देंगे।
2.10 सितंबर से 13 सितंबर तक: जिलेवार क्रमिक अनशन शुरू होगा। चंपावत जिले के शिक्षक 12 सितंबर को अनशन करेंगे।
3.14 सितंबर से आमरण अनशन शुरू होगा।

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