CONGRESS की जीत के आडे़ आई संसाधनों की कमी?

प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात की मौजूदगी में हुई बैठक में किया गया दावा, दो चरणों बाद उत्तराखंड में होते चुनाव तो बदलते हालात

देवभूमि टुडे

चंपावत। कांग्रेस का मानना है कि गुटबाजी या कोई दूसरा कारण नहीं, बल्कि संसाधनों की कमी से पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार झेलनी पड़ी। 3 सितंबर को हुई कांग्रेस की समीक्षा बैठक में तो कम से कम यही प्रमुख कारण माना गया है। अनुशासन समिति के उत्तराखंड के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कार्यकर्ताओं के साथ अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चंपावत जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर मिली हार के कारणों की समीक्षा की।

जिलाध्यक्ष कठायत ने बताया कि संसाधनों की कमी हार की बड़ी वजह रही है। अगर यहां चुनाव पहले के बजाय तीसरे या चौथे चरण में होते, तो बहुत मुमकिन था कि हालात कुछ और होते। अलबत्ता पार्टी का कहना था कि पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार पार्टी को अधिक वोट मिले हैं। बैठक में जिला महामंत्री (संगठन) एडवोकेट निर्मल सिंह तड़ागी, पूर्व प्रमुख भागीरथ भट्ट, पूर्व पीसीसी सदस्य उमेश खर्कवाल, शंकर बोहरा, अशोक वर्मा, मोहन अधिकारी, महेश ढेक, सौरभ साह, प्रहलाद सिंह, नवीन जोशी, प्रकाश बोहरा, महेश भट्ट, अमर कोटियाल, विमला मेहरा, मुरलीधर जोशी, बालादत्त थ्वाल, प्रकाश गहतोड़ी, कमल भंडारी, लालमणी भट्ट, गंगा दत्त, हरीश उप्रेती, रमेश जोशी, महेश बड़ोला, महेश चौधरी, बल्लू सिंह, बृजेश बोहरा, जमन राम, मुकेश राम आदि मौजूद थे।

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