पदोन्नति से प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक पद भरने की मांग के लिए राजकीय शिक्षक संघ के तेवर तल्ख
29 सितंबर को होनी है प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती की परीक्षा
देवभूमि टुडे
चंपावत। पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस को गुरुजन इस बार काला दिवस के रूप में मनाएंगे। वैसे शिक्षकों के आंदोलन का आगाज कल 2 सितंबर से चॉक डाउन हड़ताल से होगा। आरपार की लड़ाई की ये नौबत प्रधानाचार्यों के लिए होने वाली सीधी भर्ती से उपजी है। राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सीधी भर्ती की ये परीक्षा 29 सितंबर को होगी।
राजकीय शिक्षक संघ के चंपावत के जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी और जिला महामंत्री इंदुवर जोशी का कहना है कि प्रधानाचार्यो के पदों पर सीधी भर्ती शिक्षकों की पदोन्नति के सीमित रास्तों को भी खत्म कर देगी। इसकी मार प्रदेश के 28 हजार शिक्षकों पर पड़ेगी। इसके विरोध में प्रदेशभर में 2 सितंबर से आंदोलन होगा। शिक्षकों का कहना है कि सीधी भर्ती निरस्त नहीं होने और शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने की सहमति नहीं दिए जाने पर शिक्षक आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए आंदोलन का कार्यक्रम तय किया गया है। 14 सितंबर से आमरण अनशन होगा। राजकीय शिक्षक संघ ने दावा किया कि उनकी मांग को प्रदेश के मौजूदा 38 विधायकों का समर्थन है।
शिक्षकों के आंदोलन का ये है कार्यक्रम:
- 2 सितंबर: स्कूलों में चॉक डाउन हड़ताल।
- 5 सितंबर: शिक्षक दिवस पर शिक्षक काला फीता बांध विरोध जताएंगे।
- 6 सितंबर: प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेकर अपने-अपने जिलों के मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में धरना देंगे।
- 9 सितंबर: शिक्षा निदेशालय में मंडल और प्रांतीय पदाधिकारी धरना देंगे।
- 10 सितंबर से 13 सितंबर तक: जिलेवार क्रमिक अनशन शुरू होगा। चंपावत जिले के शिक्षक 12 सितंबर को अनशन करेंगे।
- 14 सितंबर से आमरण अनशन शुरू होगा।