श्रीकृष्ण जन्माष्टमी… ढकना में कृष्ण महोत्सव का श्रीगणेश, भिंगराड़ा ऐड़ी बालकृष्ण मंदिर में डोला निकला

दिलकश सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, चंपावत जिले के तमाम स्थानों में मंदिरों में उमडे़ श्रद्धालु, लोहाघाट में आयोजित हुआ फूलडोल मेला
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट/भिंगराड़ा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जिले भर उल्लास से मनाया गया। चंपावत से 5 किलोमीटर दूर ढकना बडोला में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम में गणेश पूजन, नवग्रह पूजन, कलश स्थापना के साथ कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। कलश यात्रा भूमिया देव मंदिर से देवलनाद शिव मंदिर होते हुए ढकना के मां भगवती मंदिर तक निकाली गई। मुख्य अतिथि चंपावत के विधायक के प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी ने कृष्ण महोत्सव को लोक संस्कृति के लिए प्रेरणाप्रद बताते हुए मेले को और अधिक भव्य बनाने के लिए विधायक निधि से मेले की आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया। चंपावत की पहली महिला जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं प्रेमा पांडेय ने ढकना के श्रीकृष्ण महोत्सव को समृद्ध लोक संस्कृति का ध्वजवाहक बताया। नन्हेंमुन्नें बच्चों ने पर्वतीय लोकगीत लोकनृत्य व देशभक्ति गीत की प्रस्तुतियां दीं। लधिया घाटी के देवभूमि सांस्कृतिक दल के मुखिया नवीन रसीला के नेतृत्व में संतोष रसीला, कमल अटियाल, प्राची, संजना, गीता कोहली, रमेश परवाल ने- ‘जै हो कुमाऊं जै हो गढ़वाल’ के अलावा पंजाबी, नेपाली सहित कई लोकगीत प्रस्तुत किए। नशा हटाओ-जीवन बचाओ अभियान के संयोजक और जीआईसी प्रवक्ता सामश्रवा आर्य के नेतृत्व में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए शाम बाँडी बिल्डिंग प्रतियोगिता हुई। महोत्सव के आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रकाश भंडारी और सामाजिक कार्यकर्त्ता राजेंद्र गहतोड़ी के संचालन में हुए कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय, पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोविंद सामंत, अंबादत्त पांडेय, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूरन कठायत, महामंत्री एडवोकेट निर्मल तड़ागी, अशोक वर्मा, शरण राय, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गौरव पांडेय, जनकवि प्रकाश जोशी शूल सहित कई लोग मौजूद थे। दो दिनी मेले में 27 अगस्त को शोभायात्रा निकलेगी। भिंगराड़ा के ऐड़ी बालकृष्ण मंदिर तक डोला निकाला गया। पुजारी पंडित मोहन भट्ट और पंडित कृष्ण भट्ट ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में मंदिर समिति के अध्यक्ष मुकेश महराना, पूरन चंद्र, रमेश, दिनेश, दीपक भट्ट आदि ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग किया। जिले में जगह-जगह भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित कर लोग भक्ति में लीन रहे। घरों में भी नन्हें बच्चों को राधा और कृष्ण की वेशभूषा में सजाया गया। मंदिरों और घरों में विशेष पूजा कर कृष्ण की बाल मूर्ति को पालने में झुलाया गया।
चंपावत के बालेश्वर, नागनाथ, डिप्टेश्वर, गोल्ज्यू, मां हिंगला देवी सहित सभी मंदिरों में सुबह से लेकर देर शाम तक पूजा-अर्चना हुई। महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया और शंखनाद के साथ आरती उतारी गई। भक्तों ने हर्ष ध्वनि के साथ हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की…, नंद के घर जन्मे कन्हाई, बांटो बधाई बांटो बधाई… आदि भक्ति गीतों पर नृत्य किया। पूरी रात लोग भक्तिमय गीतों की धुन पर थिरकते रहे। लोहाघाट में फूलडोल मेले में दूरदराज से लोग पहुंचे। ऋषेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना के लिए सुबह से भक्तगण उमड़ आई। मंदिर व घरों में पंडितों ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए। पाटी एवं बाराकोट क्षेत्र के मंदिरों में पूजा-अर्चना हुई टनकपुर में भगवान के जन्म के बाद झांकी निकाली गई। खाटू श्याम मंदिर में वृहद कार्यक्रम हुआ। शिवालय मंदिर, ककरालीगेट, पंचमुखी महादेव मंदिर, मेला टंकी के पास, कार्की फार्म, गैंडाखाली में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बनबसा में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव आस्था एवं उल्लास के साथ मनाया गया।
राधा कृष्ण मंदिर में हुई पूजा अर्चना
चंपावत। मानेश्वर के भरछाना स्थित राधाकृष्ण मंदिर में पंडित राजेश पांडेय, दीपक पांडेय ने पूजा-अर्चना कराई। मुख्य यजमान जगदीश कलोनी पूजा में बैठे। देर रात भजन-कीर्तनों का आयोजन किया गया। विभिन्न क्षेत्रों से पहुंची भजन मंडली ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। पंडित रेवाधर कलौनी, गिरीश कलौनी, केदार कलौनी, जानकी देवी, दीपा कलौनी, नीलम कलौनी, सुनीता कलौनी, गौरी कलौनी, सोनी, माही आदि मौजूद थे। उधर पुलहिंडोला में दो दिनी कलश यात्रा के साथ जन्माष्टमी मेले का शुभारंभ हुआ। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजधज कर कलशयात्रा निकाली।
लोहाघाट में मंगलवार को निकलेगी झांकी
चंपावत/लोहाघाट। कान्हा के जन्मोत्सव को लेकर भक्तों में उत्साह है। एकता चौक के व्यापारी मंगलवार को निकलने वाली झांकी की तैयारी में जुटे हुए हैं। मित्र सेवा समिति की ओर से एकता चौक में सोमवार की देर रात तक भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। मंगलवार को दोपहर बाद राधा-कृष्ण की झांकी खड़ी बाजार से स्टेशन बाजार होते हुए शिवालय मंदिर ले जाई जाएगी।

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