पहले से काबिज अपर मुख्य अधिकारी गए नहीं, नए आ गए
पहले एएमए भगवत पाटनी दे रहे हैं उच्च न्यायालय के स्टे का हवाला
जबकि नए अधिकारी तेज सिंह का दावा कि वे स्टे से पहले 26 जुलाई को ले चुके हैं चार्ज
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था जिला पंचायत में इन दिनों कुर्सी की किचकिच चल रही है। और ये विवाद पंचायत के सर्वोच्च अधिकारी एएमए (अपर मुख्य अधिकारी) को लेकर है। एएमए भगवत पाटनी का एक महीने यानी जुलाई में दो बार तबादला हो गया। लेकिन उनका कहना है कि वे उच्च न्यायालय के स्टे से चंपावत में काबिज हैं, जबकि उनके स्थान पर ऊधमसिंह नगर से यहां भेजे गए एएमए तेज सिंह का कहना है कि उन्होंने दूसरे स्टे से पूर्व 26 जुलाई को ही यहां चार्ज ले लिया था। लेकिन उन्हें बैठने नहीं दिया जा रहा है। दोनों अधिकारियों ने हालात की जानकारी निदेशालय और शासन को देने की बात कही है। बहरहाल इस विवाद से पंचायत के रूटीन कामकाज से लेकर देवीधुरा बगवाल मेले के आयोजन पर असर पडऩे का अंदेशा है।
चंपावत के एएमए भगवत पाटनी का 1 जुलाई को उत्तरकाशी तबादला हुआ लेकिन यहां से रिलीव होने से पहले उन्हें इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। बाद में शासन ने दूसरी बार 24 जुलाई को पाटनी को चमोली स्थानांतरण करने के आदेश जारी किए और उनके स्थान पर ऊधमसिंह नगर के एएमए तेज सिंह को चंपावत भेजा गया। तेज सिंह का दावा है कि उन्होंने स्थानांतरण आदेश के बाद 26 अगस्त को चंपावत में कार्यभार संभाल लिया था। और उसके बाद वे अवकाश में थे, लेकिन 5 अगस्त को कार्यालय आए, तो उन्हें एएमए पाटनी ने कामकाज नहीं संभालने दे रहे हैं।
जिला पंचायत की अध्यक्ष ज्योति राय का कहना है कि चंपावत से चमोली स्थानांतरण होने के बाद अपर मुख्य अधिकारी भगवत पाटनी को 25 जुलाई को कार्यमुक्त कर दिया था। 26 जुलाई को नए एएमए तेज सिंह ने कार्यभार ग्रहण कर लिया था। इसके बावजूद एएमए के रूप में पाटनी के यहां बने रहने को अध्यक्ष ने गलत बताया है। साथ ही आरोप लगाया कि एएमए पाटनी अभद्रता करने के साथ जिला पंचायत के कामकाज को बाधित कर रहे हैं। 5 अगस्त को डिस्पेच रजिस्टर भी गायब होने का उन्होंने आरोप लगाया है। वहीं एएमए भगवत पाटनी इन तमाम आरोपों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने नियम विरूद्ध कोई काम नहीं किया है। वे हाईकोर्ट के स्थगनादेश से चंपावत जिला पंचायत का कामकाज संभाल रहे हैं और छुट्टी के बाद आज आए हैं । जिला पंचायत के कामकाज में बाधा नहीं डाल रहे हैं, बल्कि उसे बेहतर तरीके से संचालित करने का प्रयास कर रहे हैं।