ऐड़ीसेरा के पास बनेगा अमोड़ी का बिजलीघर…संयुक्त सर्वे हुआ

बिजलीघर के लिए उपयुक्त है ग्राम पंचायत की जमीन, 2022 में स्वीकृत हुआ था बिजलीघर, 75 गांवों के 17 हजार लोगों को होगा बिजलीघर बनने पर लाभ

देवभूमि टुडे
चंपावत। अमोड़ी के प्रस्तावित बिजलीघर के लिए चयनित जमीन का 3 अगस्त को संयुक्त सर्वे किया गया। ऐड़ीसेरा ग्राम पंचायत की जमीन पर ये बिजलीघर बनाया जाएगा। UPCL और राजस्व विभाग के अधिकारियों के सर्वे में जमीन बिजलीघर के लिए उपयुक्त पाई। जमीन को ऊर्जा निगम को हस्तांतरित करने से लेकर स्वामित्व तक की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। संयुक्त सर्वे में UPCL के चंपावत के उपखंड अभियंता संजय भंडारी, जूनियर इंजीनियर आशीष गोडवाल, राजस्व उप निरीक्षक अनिल उप्रेती आदि शामिल थे। UPCL के चंपावत के अधिशासी अभियंता बेगराज सिंह का कहना है कि ऐड़ीसेरा की जमीन बिजलीघर के लिए उपयुक्त है। बिजलीघर के लिए करीब दस नाली जमीन की जरूरत है।
इस बिजलीघर के अस्तित्व में आने से अमोड़ी सहित चंपावत के ग्रामीण क्षेत्र के 75 से अधिक गांवों की 17 हजार की आबादी की बिजली आपूर्ति सुचारू हो सकेगी। नेपाल सीमा के पास के तल्लादेश क्षेत्र से लेकर नैनीताल जिले की सीमा से लगे तल्लापाल के ककनई आदि का 200 किमी का क्षेत्र बिजली आपूर्ति चंपावत बिजलीघर के चल्थी फीडर पर आश्रित है। फीडर वितरण बिजलीघर से बिजली ट्रांसर्फामर तक बिजली स्थानांतरित करने वाली वोल्टेज पावर लाइन है। लंबा क्षेत्र होने के अलावा जंगल और विषम भौगोलिक हालत होने से किसी एक जगह मामूली खामी होने पर भी समूचे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। नेपाल सीमा से लगे तल्लोदश का तामली, मंच, नैनीताल सीमा से लगा डांडा, ककनई, बुड़म, सूखीढांग, अमोड़ी, वैला, खटोली, स्वांला, चल्थी, धौन, दियूरी आदि क्षेत्र इस वजह से प्रभावित होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए अमोड़ी क्षेत्र में 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां बिजलीघर बनाने का ऐलान किया था। लेकिन इस बिजलीघर के लिए जमीन चयनित नहीं होने से काम शुरू नहीं हो सका था।

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