चंपावत पहुंचे चालक-परिचालक दुबारा लोहाघाट जाने को मजबूर हुए कर्मी, चंपावत से नैनीताल की बस सेवा में 25 जुलाई की रात घटी घटना
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। मुसाफिरों के लिए परिवहन निगम की बस हो न हो, लेकिन रोडवेज कर्मियों की हनक का क्या कहना। 2 कर्मियों को लोहाघाट से चंपावत लाने के लिए 40 सीटर बस 13 किलोमीटर दूर चंपावत से दुबारा लोहाघाट गई। इससे धन की बर्बादी ही नहीं हुई, बल्कि बस के स्टाफ की भी अच्छी खासी फजीहत हो गई। मामले के उजागर होने के बाद अब अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
26 जुलाई को रोडवेज के दो कर्मचारियों को लाने के लिए रोडवेज की खाली बस को चंपावत से 13 किमी दूर लोहाघाट भेज दिया। आने-जाने में बस ने 26 किमी का सफर तय किया। इसमें करीब 1 घंटे का अतिरिक्त समय लगने के साथ ही डिपो को डीजल का चूना लगा दिया। लोहाघाट की रोडवेज बस हर रोज सुबह आठ बजे चंपावत से टनकपुर होते हुए नैनीताल के लिए जाती है। दूसरे दिन नैनीताल से चंपावत होते हुए लोहाघाट जाती है। वर्कशाप में रुटीन परीक्षण के बाद शाम पांच बजे बस चंपावत स्टेशन वापस आती है। बृहस्पतिवार शाम लोहाघाट पहुंचकर बस ने यात्रियों को उतारा। लोहाघाट वर्कशाप में कार्यरत दो कर्मचारी प्रतिदिन इसी बस से चंपावत स्थित अपने क्वार्टर में जाते हैं। बृहस्पतिवार शाम दोनों कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे, तो चालक ने उन्हें फोन किया। फोन करने के 30 मिनट बाद तक कर्मचारी नहीं पहुंचे, तो चालक यात्रियों के कहने पर बस को शाम 5.20 बजे चंपावत के लिए ले आया। शाम 6 बजे बस चंपावत स्टेशन में खड़ी की। बाद में कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों से बात कर बस को दोबारा लोहाघाट बुलवाया। इसमें पांच लीटर से अधिक डीजल लग गया। बताते है कि इस तरह की घटना पहले भी कई बार हो चुकी है। उधर टनकपुर के महाप्रबंधक पवन मेहरा का कहना है कि मामले की जानकारी ली जा रही है। बस संचालन में किसी तरह का दबाव डलवाने और जोर-जबर्दस्ती करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।