चंपावत जिला अदालत का फैसला, दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी, जुर्माना न दिया तो 3 माह की अतिरिक्त सजा, नाबालिग बालिका 2020 में बनी थी मां
देवभूमि टुडे
चंपावत। नाबालिग साली से दुष्कर्म के आरोपित को अदालत ने दोषी पाया है। जिला जज ने दोषी व्यक्ति को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
दिसंबर 2020 में चंपावत विकासखंड निवासी एक नाबालिग बालिका ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया। जिसके बाद चंपावत child helpline टीम ने नाबालिग से पूछताछ की। पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि लोहाघाट विकासखंड निवासी उसकी विवाहिता दीदी गर्भवती थी। दीदी ने देखभाल के लिए उसे अपने पास बुला लिया। जहां दीदी का सगा देवर उससे जबर्दस्ती करता था। किसी को बताने पर अंजाम भुगतने को कहता था। जिसके बाद हेल्प लाइन ने आरोपित देवर के खिलाफ जनवरी 2021 में IPC की धारा 376, 5/ 6 pocso एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश जिला जज अनुज कुमार संगल ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई। दोषी पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी व pocso के विशेष लोक अभियोजक कुंदन राणा ने पैरवी ने की।