आदर्श जिले चंपावत के टनकपुर और लोहाघाट की एंबुलेंस के पहिये जाम, वाहन की खामी से हो रही दुश्वारी, दूसरी जगह की एंबुलेंस से स्थिति सामान्य करने के प्रयास का दावा
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। चंपावत जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पिछले कुछ समय से सवालों के घेरे में है। यद्यपि इसे सुधारने के प्रयास किए जा रहे है, लेकिन जिले की आपात सेवा 108 की एंबुलेंस बे-पटरी हो रही है। इस वक्त दो सबसे महत्वपूर्ण शहरों की एंबुलेंस खराब हैं। इससे आपात सेवा पर असर पड़ रहा है।
चंपावत जिले में टनकपुर, चंपावत, लोहाघाट, बाराकोट, पाटी, रीठा साहिब सहित कुल 10 एंबुलेंस हैं। टनकपुर की एंबुलेंस दो हफ्ते (5 जुलाई से) और लोहाघाट की एंबुलेंस 10 दिनों (9 जुलाई से) खराब है। इससे आपातकालीन और आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत वाले लोगों को अस्पताल तक लाने में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। वैसे आपात सेवा के जिला प्रभारी कमल शर्मा का कहना है कि इंजिन की खामी से एंबुलेंस आँफरूट हुई है। इन्हें ठीक कराने के लिए हल्द्वानी भेजा गया है। उनका दावा है कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। टनकपुर में सूखीढांग की और लोहाघाट में किमतोली की एंबुलेंस शिफ्ट की गई है। लेकिन इमरजेंसी सेवा को लेकर ये चलताऊ तरीका कई सवाल खड़ा करता है। एंबुलेंस खराब हुए 10 से 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इतने वक्त में एंबुलेंस की खामी दूर क्यों नहीं कराई जा सकी है? इसमें अभी कितना वक्त और लगेगा। जिन दो ग्रामीण क्षेत्रों की एंबुलेंसों को शहरों में शिफ्ट किया गया है, वहां आने वाली इमरजेंसी काँल को कैसे अटैंड किया जा रहा है? आपात सेवा के ऐसे हाल model district और मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र वाले जिले के होने से लोगों की चिंता बढ़ी है।