नाइंसाफी! पहले वरिष्ठता दी, अब रद्द कर रहे…भड़के वन निगम कर्मी

निर्णय वापस नहीं लेने पर आंदोलन करने की कर्मचारियों ने दी चेतावनी
देवभूमि टुडे

चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड वन विकास निगम के कर्मचारी वरिष्ठता रद्द किए जाने से भड़क गए हैं। धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई। कहा कि सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया, तो कर्मचारी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
शुक्रवार को उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के प्रभारी अध्यक्ष महेश चन्द्र जोशी के नेतृत्व में वन निगम के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। वर्ष 1991 में वन उपज रक्षक और स्केलर कर्मचारियों को वरिष्ठता दी गई थी। उन्हें वरिष्ठता का लाभ अब तक मिलता रहा है, लेकिन जून माह में शासन ने पूर्व में किए गए शासनादेश को निरस्त कर दिया है। जिसमें शासन रिकवरी के साथ वेतन निर्धारण की बात कह रहा है। इस निर्णय से कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मियों ने कहा कि सरकार ने पहले तो उन्हें वरिष्ठता दी, लेकिन अब वरिष्ठता समाप्त कर उनके साथ नाइंसाफी करा रहा है। शासन से इस फरमान को वापस लेने की मांग की गई है। ऐसा नहीं होने पर प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी गई है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में सीएस बडेला, बसंतबल्लभ भट्ट, महा सिंह चम्याल, एमएस बडेला, सीएस मेहता, जीएस अधिकारी, दीवान सिंह बोहरा, जगदीश चन्द्र उप्रेती, गंगा सिंह बोहरा, कैलाश सिंह महर, टीका सिंह बोहरा, बद्री दत्त पचौली, तरुण सिंह बोहरा आदि शामिल थे।

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