विशेष सत्र न्यायालय का फैसला, मां की मौत के बाद ननिहाल में रहने वाली किशोरी को भगा ले गया था आरोपित मोहम्मद चांद, 50 हजार का जुर्माना भी लगाया
देवभूमि टुडे
चंपावत। मां की मौत के बाद नाना-नानी के साथ रहकर पढ़ाई करने वाली नाबालिग किशोरी को घर से भगाकर ले जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के एक आरोपित शख्स को न्यायालय ने दोषी ठहराया। विशेष सत्र न्यायाधीश ने कसूरवार ठहराए गए व्यक्ति को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी है। अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अभियोजन के अनुसार वादी ने टनकपुर कोतवाली में तहरीर दे आरोप लगाया था कि 15 वर्षीय नातिनी पढ़ाई के लिए उनके साथ रहती थी। 22 जनवरी 2020 को नातिनी स्कूल और वह दोनों (नाना-नानी) काम के लिए निकले। शाम को लौटने पर देखा, तो नातिनी घर पर नहीं थी। पड़ोसियों और रिश्तेदारी में खोजबीन करने पर भी सुराग नहीं लगने पर पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई। किशोरी को गुजरात के जामनगर से बरामद किया गया। विवेचना में सामने आया कि अभियुक्त मोहम्मद चांद किशोरी को बहलाकर अपने साथ गुजरात ले गया था। उससे पहले उसने पीडि़ता को एक सप्ताह पीलीभीत में अपने घर पर रखा। जहां उसने पीडि़ता के साथ गलत काम किया। विवेचना के बाद अभियुक्त मोहम्मद चांद निवासी टेरा नौरिया, जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश को आरोपित बनाते हुए उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 366 ए, 376 व POCSO की धारा 3/4 में प्राथमिकी हुई। आरोप पत्र दायर होने के बाद विशेष सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई हूई। दस्तावेजों की जांच में पीडि़ता 16 वर्ष दो माह की ( नाबालिग) निकली। साक्ष्यों और गवाहों के मद्देनजर विशेष सत्र न्यायाधीश जिला जज अनुज कुमार संगल ने अभियुक्त मोहम्मद चांद को पीडि़ता को घर से ले जाने और उससे शारीरिक संबंध बनाने के लिए दुष्कर्म व POCSO के मामले में दोषी ठहराया। इस अपराध के लिए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं चुकाने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्त 6 फरवरी 2020 से जेल में बंद है। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 366 ए में अभियुक्त को दोषमुक्त ठहराया। अभियोजन पक्ष की ओर से केएस राणा ने पैरवी की।