रोडवेज मुसाफिरों के लिए दिल्ली दूर…454 किमी जाने वाली बस 4 किमी में ही दे गई जवाब

लोहाघाट डिपो की रोडवेज बस से धुआं निकलने से दहशत में यात्री
इंतजार के बाद दूसरी बस से आगे बढ़े मुसाफिर
बस का डीजल पाइप लीक होने से हुई दिक्कत: एजीएम
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। रोडवेज बस को पूरे 454 किलोमीटर का सफर करना था लेकिन ये क्या बस महज 4 कदम यानी 4 किलोमीटर ही तो चली थी और दगा दे गई। लोहाघाट से दिल्ली जाने वाली रोडवेज की यह बस बमुश्किल 4 किलोमीटर ही चली थी कि बस से धुआं उठने लगा। इससे बस तो आगे नहीं बढ़ सकी, लेकिन दहशत में आए यात्री आननफानन में बस से उतरने को विवश हुए। बाद में मुसाफिरों को दूसरी बस से आगे भेजा गया।
लोहाघाट डिपो की बस (यूके 07 पीए 4219) 24 जून अपरान्ह डेढ़ बजे लोहाघाट से दिल्ली के लिए रवाना हुई। लेकिन बस चंपावत भी नहीं पहुंची कि तकनीकी खामी आ गई। मुश्किल से बस लोहाघाट से 4 किलोमीटर ही चली थी कि बस से धुआं निकलने लगा और बस रूक गई। धुआं देख बस में सवार 18 यात्री सकते में आ गए। आननफानन में यात्री बस से उतरे। ड्राइवर ने बस रोकने के साथ ही विभागीय अधिकारियों को हालात की जानकारी दी। काफी इंतजार करने के बाद यात्री दूसरी बस से आगे बढ़े। लोहाघाट के सहायक मंडलीय प्रबंधक एनके गौतम का कहना है कि बस का डीजल पाइप लीक हो गया था। इस कारण ये दिक्कत आई। बस की खामी को दूर कर लिया गया है। इस बस के सवार यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी निगम ने दावा किया।
रास्ते से गुजर रहे राज्य आंदोलनकारी भूपेंद्र देव ताऊ और कर्मचारी नेता नगेंद्र कुमार जोशी ने बस की खामी की जानकारी लेने के साथ फंसे यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था में मदद की। उनका कहना था कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद रोडवेज, रोडवेज कर्मियों और रोडवेज बस बेड़े सभी की स्थिति बिगड़ी है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ी है और वे प्राइवेट परिवहन साधनों से अधिक किराया देकर जाने को मजबूर हुए हैं। ऐसे हालात से बचने के लिए बस बेड़े को अविलंब बढ़ाने की दोनों कर्मचारी नेताओं ने मांग की है।
लोहाघाट डिपो को चाहिए 20 नई बसेंं
चंपावत जिले में रोडवेज के दो डिपो और एक कार्यशाला है। मैदान में टनकपुर और पहाड़ी क्षेत्र में लोहाघाट में डिपो है। इसके अलावा टनकपुर में रोडवेज की कार्यशाला भी है, जिस पर दो जिलों चंपावत और पिथौरागढ़ की सार्वजनिक सड़क परिवहन की व्यवस्था का दारोमदार है। लेकिन पहाड़ में बसों के बुरे हाल है। लोहाघाट डिपो में महज 32 बस हैं लेकिन इनमें से भी 4 बस ऑफ रूट हैं। लोहाघाट के सहायक मंडलीय प्रबंधक एनके गौतम का कहना है कि बसों की कमी है। बसों की कमी के मद्देनजर 20 नई बसों की मांग की गई है। इन बसों के मिलने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

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