चंपावत जिला अस्पताल में आयुष्मान से हो रहे इलाज में है अनियमितता के आरोप
डीएम ने एडीएम की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत जिला अस्पताल में आयुष्मान योजना से हो रहे इलाज में लग रहे अनियमितता के आरोपों के मामलों की जांच होगी। मारपीट और विवाद के बाद डीएम नवनीत पांडे ने जांच के आदेश दिए। जांच अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय टीम करेगी। इसमें प्रशासन, स्वास्थ्य और कोषागार विभाग के एक-एक सदस्य को शामिल किया गया है।
आयुष्मान योजना के चंपावत के जिला समन्वय प्रदीप मिश्रा ने आरोप लगाया था कि पिछले कुछ समय से इस योजना में गड़बडिय़ां हो रही हैं। आरोप लगाया कि कई लोगों के इलाज में जिला अस्पताल के कुछ कर्मी 3 हजार से 7 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। समन्वयक ने अनियमितताओं को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को पत्र भी भेजा था। इन्हीं आरोपों के बीच 13 जून को जिला अस्पताल में आयुष्मान समन्वय और जिला अस्पताल के कुछ स्टाफ के बीच विवाद की नौबत आ गई। विवाद के चलते पुलिस से लेकर स्वास्थ्य और प्रशासन के अधिकारियों को दखल देना पड़ा था।
विवाद के दो दिन बाद डीएम नवनीत पांडे ने आयुष्मान योजना में अनियमितता के आरोपों के मामले की जांच के आदेश दिए। एडीएम हेमंत कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गठित जांच टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इंद्रजीत पांडेय और लोहाघाट के उप कोषाधिकारी गणेश चौथिया शामिल हैं। टीम को आयुष्मान योजना के क्रियांवयन, कैशलैस योजना होने के बावजूद कतिपय अस्पताल कार्मिकों द्वारा मरीजों से धन की मांग करने, आयुष्मान योजना के अंतर्गत जिला अस्पताल को प्राप्त होने वाली प्रोत्साहन राशि के वितरण में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच रिपोर्ट 15 दिनों के अंतर्गत उपलब्ध कराएगी।