खर्राटाक में गजराज का राज…जिम कॉर्बेट से जुड़ी जगहों पर कर रहे वार

चार किमी पैदल चल खर्राटका पहुंचे महाराष्ट्र के दो सैलानी
सैलानियों के पहुंचने से हुई नुकसान की जानकारी
देवभूमि टुडे
चंपावत/पूर्णागिरि धाम। मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र से लगे खर्राटाक सहित कई गांवों में हाथियों का आतंक बना हुआ है। हाथियों के झुंड ने खर्राटाक गांव में जिम कॉर्बेट से जुड़ी जगहों और खेत-खलिहान में भारी नुकसान किया है। हाथियों द्वारा नुकसान किए जाने की जानकारी तब लगी, जब एक गाइड 10 जून को दो सैलानी को लेकर इस आबादीविहीन गांव में पहुंचे। खर्राटाक पहुंचने के लिए चूका से चार किलोमीटर पैदल जाना होता है।
पूर्णागिरि क्षेत्र के खर्राटाक में नामी अंग्रेज शिकारी जिम कॉर्बेट ने 1938 में नरभक्षी बाघ को मारा था। जिस स्थान पर कॉर्बेट आए थे, वहां आम और जामुन के पुराने पेड़ थे। उन पेड़ों और कॉर्बेट से जुड़े स्थानों को देखने के लिए सैलानी पहुंचते हैं। 10 जून को भी महाराष्ट्र के पुणे से दो सैलानी निर्भय गोपाल और ईरा यहां पहुंचे। उन्होंने यहां कॉर्बेट से जुड़ी जगहों को देखा। कई अहम स्थानों की जानकारी लेने के साथ ही उन्हें कैमरे में भी कैद किया। GUIDE पंडित सुरेश चंद्र तिवारी ने बताया कि खर्राटाक क्षेत्र में पांच से छह हाथियों पिछले काफी समय से धमक रहे हैं। यहां फसल और कच्ची झोपड़ी को तोड़ रहे हैं। साथ ही कॉर्बेट की स्मृति को बताने वाले बैनर को भी हाथियों के झुंड ने फाड़ दिया है। चंपावत में जिम कॉर्बेट ट्रेल प्रस्तवित है। प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल ने बताया कि ट्रेल के अंतर्गत खर्राटाक में 1938 में नरभक्षी बाघ के शिकार के दौरान जिम कॉर्बेट से संबंधित क्षेत्रों और वहां आम और जामुन के पेड़ लगाकर संरक्षित किया जाएगा।

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