45 साल पुरानी योजना तोड़ गई दम…पानी को तरसे ग्रामीण

क्वैराली पेयजल योजना का स्रोत भी सूखा और पाइप लाइन भी टूटा
किमतोली ग्राम पंचायत के लोगों ने मरम्मत के लिए जल संस्थान से लगाई गुहार
देवभूमि टुडे
चंपावत/किमतोली। साढ़े 4 दशक पुरानी लोहाघाट के क्वैराली पेयजल योजना से किमतोली क्षेत्र के लोगों की पानी की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। योजना के बेहद बुरे हाल में होने से ग्रामीणों के सम्मुख पानी का गहरा संकट हो रहा है। परेशान नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जल संस्थान के चंपावत डिवीजन कार्यालय पहुंच अधिकारियों से योजना की मरम्मत करने की मांग की है।
लोहाघाट विकासखंड के ग्राम पंचायत किमतोली क्षेत्र के लिए 45 साल पुरानी क्वैराली पेयजल योजना बनी थी। गुमदेश विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिक्षाविद माधो सिंह अधिकारी का कहना है कि इस योजना को दो स्रोतों से बनाया गया था। दो में से एक स्रोत पूरी तरह सूख चुका है। जबकि दूसरे स्रोत से लाई गई योजना के चैंबर से लेकर पाइप लाइन तक जर्जर है। इस वजह से पानी की आपूर्ति ठप है। जल संस्थान यदाकदा टैंकर से पेयजल आपूर्ति कर रहा है, लेकिन किमतोली और खालगड़ा को छोड़ इलाके के सड़क विहीन गांव तक पानी का वैकल्पिक प्रबंध नहीं हो पा रहा है। किमतोली लग्घा भराड़ी में पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि योजना को सुधारे बगैर लोगों की समस्या का समाधान मुमकिन नहीं है। ज्ञापन में खड़क सिंह अधिकारी, पूरन सिंह, राकेश सिंह, गुमान सिंह, करम सिंह, प्रताप सिंह, खीम सिंह, केशव, त्रिलोक, डूंगर सिंह, उमेद सिंह, लाल सिंह, दीवान सिंह, शांति देवी, मदन राम, उदय राम, जोगा राम, नारायण राम, किशन राम, देव राम, निलाप राम, नाथ राम, राजू राम, हरीश सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।

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