मंदिरों और घरों में वट वृक्ष का दिनभर हुआ पूजन, खूब हुए भजन कीर्तन देवभूमि टुडे
चंपावत। जिले में वट सावित्री का पर्व उल्लास से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर पति के दीर्घ जीवन का आशीर्वाद मांगा। कई जगह कन्याओं ने भी मनचाहे वरदान को लेकर बरगद के वृक्ष और सावित्री की पूजा की। चंपावत, लोहाघाट, टनकपुर, बनबसा, पाटी, बाराकोट, गुमदेश सहित जिले भर में पर्व को लेकर धूम रही। मंदिरों और वट वृक्षों के पास सुबह से भी भजन कीर्तनों का दौर शुरू हो गया। परंपरागत तरीके से वट सावित्री पूजन करते हुए महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा की। सत्यवान एवं सावित्री की मूर्ति की विशेष पूजा कर महिलाओं ने अपने पतियों के लंबे जीवन की कामना की। पूजन के बाद वृक्ष में कच्चा धागा बांधा गया। इस दौरान सत्यवान सावित्री की कथा भी सुनाई गई। वट सावित्री व्रत को सौभाग्य, दीर्घायु और आरोग्य प्रदान करने वाला माना जाता है। हिंदूू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जो भी स्त्री वट सावित्री व्रत रखती है, उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति को दीर्घ आयु मिलती है। पूजा अर्चना पुरोहित दीपक कुलेठा, अमित पांडेय,मदन कलौनी, गिरीश कलौनी, पप्पू चौबे ने संपन्न कराई। लोहाघाट में सुंई पऊ के मंडाली मंदिर में भी महिलाओं ने पूजा अर्चना की। टनकपुर नगर और ग्रामीण इलाकों में भी महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा अर्चना की। हनुमानगढ़ में पंडित राकेश पांडे ने पूजा अर्चना कराई। शिवालय मंदिर, पंचमुखी महादेव मंदिर आदि स्थानों पर भी पूजा अर्चना हुई। कई कुंवारी कन्याओं ने भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखा। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस दिन माता सावित्री अपने तेजा से अपने पति सत्यवान के प्राण को यमराज से वापस ले आई थी। इसलिए इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं।