चंपावत राजकीय महाविद्यालय में पढ़ाने को शिक्षक न पीने का पानी लेकिन दोगुनी कर दी फीस
के बुरे हाल
देवभूमि टुडे
चंपावत। अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का कैंपस बन चुके चंपावत राजकीय महाविद्यालय की समस्याओं की अनदेखी से छात्र प्रतिनिधियों में गुस्सा है। 5 जून को छात्रसंघ अध्यक्ष मुकेश महर के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने शुल्क में बढ़ोत्तरी सहित कई अव्यवस्थाओं को लेकर कुलपति का पुतला फूंका। साथ ही प्रशासनिक भवन में तालाबंदी भी की गई।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि एसएसजे विश्वविद्यालय का कैंपस होने के बावजूद भी न तो सुविधाएं बढ़ रही हैं और नहीं दिक्कतें दूर हो रही हैं। आरोप लगाया कि प्रवेश के लिए शुल्क 1600 रुपये से बढ़ाकर 3200 कर दिया गया है। इससे कमजोर आर्थिक हालात वाले छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। चेतावनी दी गई कि शुल्क में संशोधन नहीं हुआ, तो जल्द ही छात्रसंघ सड़क पर उतरेगा। शुल्क तो बढ़ा दिया गया, इसके उल्ट शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा रही है। अंग्रेजी और गणित में एक भी सहायक प्रोफेसर नहीं है। इसके अलावा कॉलेज में पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं से भी छात्रों को जूझना पड़ रहा है। तालाबंदी करने में कोषाध्यक्ष यशराज, संयुक्त सचिव हरीश, छात्रा उपाध्यक्षा रेखा सामंत, ज्योति महर, सोनू शर्मा, अंशुल, पूजा आदि थे।
एसएसजे विश्वविद्यालय के चंपावत परिसर के नोडल अधिकारी डॉ. नवीन भट्ट का फोन रिसीव नहीं होने और वाट्सेप के जरिए भेजे सवालों की जानकारी नहीं मिलने से विश्वविद्यालय का पक्ष पता नहीं चल सका। वहीं सहायक प्रोफेसर डॉॅ. बीपी ओली का कहना है कि कैंपस बनने के बाद व्यवस्थाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही सामान्य कॉलेज और कैंपस के डिग्री कॉलेज के शुल्क में अंतर होता है। इस वजह से अधिक शुल्क लिया जा रहा है।