कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए कार्बन टैक्स लगाना जरूरीः डॉ अहलूवालिया योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष का दौरा देवभूमि टुडे
अल्मोड़ा। कार्बन उत्सर्जन और ग्रीन हाउस गैस को कम नहीं किया गया तो निकट भविष्य में इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया, तो इसका बुरा असर होगा। इसे रोकने के लिए कार्बन टैक्स लगाना जरूरी है। अल्मोड़ा में बुधवार शाम हुए स्वर्गीय बीडी पांडे के 11वें स्मृति व्याख्यान में पहुंचे अर्थशास्त्री व योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कही।
डॉ अहलूवालिया का सेवानिधि के निदेशक व पद्मश्री ललित पांडे, पूर्व सचिव इंदु कुमार पांडे ने स्वागत किया। इसके बाद ‘जलवायु परिवर्तन, राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत चुनौतियां और स्थानीय स्तर पर प्रभाव’ विषय पर हुए व्याख्यान में डॉ अहलूवालिया ने कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने पर जोर दिया। कहा कि जलवायु परिवर्तन से आम जनता वाकिफ है, लेकिन इसके होने वाले दुष्प्रभाव को अभी नहीं समझा जा रहा है। हिमालय पर जलवायु परिवर्तन का बुरा असर पड़ रहा है। वैज्ञानिक का मानना है कि वर्ष 2100 आने तक हिमालय की 33 फीसदी बर्फ पिघल जाएगी। इससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी। समुद्र के जल स्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्र और तापमान व मानसून में इसका असर दिखाई देगा। केदारनाथ जैसी घटनाएं देखने को मिलेंगी। असंयमित बारिश का असर पहाड़ों में भी दिखाई देगा। उत्पादन खत्म हो जाएगा और लोग पलायन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने पर्यावरण बचाने के लिए कार्बन टैक्स लगाने को एक बेहतर उपाय बताया।