तपिश से सूखते स्रोत से बढ़ी पेयजल किल्लत, चार करोड़ की योजना से भी नहीं बुझ रही प्यास
गर्मी ने बढ़ाया बिजली संकट, अनियमित बिजली आपूर्ति से बेहाल श्रद्धालु और कारोबारी
देवभूमि टुडे
चपावत/मां पूर्णागिरि धाम। 26 मार्च से शुरू मां पूर्णागिरि धाम के मेले को दो माह से अधिक हो गए हैं और मेले के संपन्न होने में अभी करीब तीन सप्ताह बाकी है। भीषण गर्मी के बीच मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं, लेकिन दावों के बावजूद मेला क्षेत्र में कई तरह की असुविधाएं हैं। बूम से लेकर मुख्य मंदिर तक करीब 17 किलोमीटर के मेला क्षेत्र में खासकर पानी और बिजली को लेकर सबसे ज्यादा फजीहत झेलनी पड़ रही है। पानी की किल्लत और बिजली की आंख-मिचौनी मुसीबत बन रही है। इसकी मार श्रद्धालुओं को महंगा पानी खरीदकर चुकानी पड़ रही है।
पूर्णागिरि के पुजारी और क्षेत्र के कई कारोबारियों का कहना है कि चार करोड़ रुपये की पेयजल योजना के निर्माण के बावजूद मेला क्षेत्र में पानी का संकट बरकरार है। इस वक्त भैरव मंदिर से मुख्य मंदिर तक के उपभोक्ताओं को ही रोज बमुश्किल एक घंटा पानी मिल पा रहा है। गर्मी की वजह से जल स्रोत में गिरावट से पानी की आपूर्ति कम होने से ये समस्या पैदा हुई है। वहीं कई लोगों का कहना है कि कई जगह टंकी से कुछ लोगों को अतिरिक्त पानी देने और वितरण की विसंगति की वजह से किल्लत ने और विकराल रूप ले लिया है। क्षेत्र के लोग पर्याप्त स्रोत वाली जगह से नई पेयजल योजना के निर्माण पर काम करने की जरूरत बता रहे हैं, ताकि भविष्य में हालत सुधर सके।
वहीं मेला क्षेत्र में बिजली का संकट भी बढ़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से तपती गर्मी के बीच बिजली आपूर्ति एकदम अनियमित हो रही है। बिजली की आंख-मिचौली से लेकर लो-वोल्टेज मुसीबत बन रहा है। इससे श्रद्धालुओं को दुश्वारी होने के साथ ही कारोबार पर भी असर पड़ रहा है।
क्या कहते हैं ऊर्जा निगम के अधिकारी:
ओवरलोड से जनरेशन 132 केवी लोहियाहैड ही बैठ जा रहा है। 26 व 27 मई को लोहियाहैड की जनरेशन मशीन ट्रिप करने से आपूर्ति प्रभावित हुई है। ओवरलोड के कारण यार्ड का जंपर पिघल गए थे। इस वक्त टनकपुर क्षेत्र में खपत 500 एमवीए से बढ़कर 570 एमवीए तक हो रहा है। अब नया सिस्टम शुरू किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर बनबसा, टनकपुर ग्रामीण का फीडर काट कर सप्लाई को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीण फीडर काट कर टनकपुर और पूर्णागिरि में बिजली की सप्लाई करने की कार्ययोजना, ताकि लोड नियंत्रण हो सके।
बेगराज सिंह,
अधिशासी अभियंता, यूपीसीएल, चंपावत।
ये है जल संस्थान की दलील:
गर्मी और तपिश की वजह से जलकुनिया के स्रोत में 50 प्रतिशत पानी कम हुआ है। इस कारण पूर्णागिरि मेला क्षेत्र के 276 कनेक्शनधारियों को डेढ़ घंटे के बजाय एक घंटे ही पानी की आपूर्ति हो रही है। पेयजल वितरण में विसंगति को रोकने के उपाय करने के साथ ही किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए टंकी क्षेत्र में सुरक्षागत कारणों से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
विलाल युनूस,
अधिशासी अभियंता,
जल संस्थान, चंपावत।
ये पहल कर रही मंदिर समिति:
पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी का कहना है कि इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं, लेकिन पूर्णागिरि मेला क्षेत्र में पेयजल की जरूरत के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे मेला क्षेत्र की व्यवस्था और कारोबार दोनों पर असर पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए मंदिर समिति ने कारोबारियों को घोड़े-खच्चरों से पानी ढोने की सशर्त अनुमति देने का निर्णय लिया है। धाम में जब भीड़ कम हो, उस वक्त व्यापारियों को पानी ढोने की इजाजत दी जा रही है। वहीं बिजली आपूर्ति में सुधार करने के लिए भी आग्रह किया गया है।