जो बोले सो निहाल… श्रद्धालुओं के लिए खुले हेमकुंड साहिब के कपाट

पंच प्यारे की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारे में स्थापित किया गया, यात्रा को सुगम बनाने के लिए यात्रा पड़ावों पर है तमाम सुविधाएं, 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है हेमकुंड साहिब

देवभूमि टुडे

हेमकुंड साहिब/चमोली। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंचप्यारों की अगुवाई और सिख रेजिमेंट की बैंड की धुनों के साथ शुक्रवार को दो हजार श्रद्धालु यात्रा के प्रमुख पड़ाव घांघरिया के लिए रवाना हुए थे। गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह और बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने जत्थे को रवाना किया। इसके बाद 25 मई सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट विधि-विधान से खोल दिए गए। गुरुद्वारे में गुरुवाणी का पाठ, अरदास, सबद कीर्तन और अखंड पाठ हुआ।

सुबह आठ बजे गुरुद्वारे से पंचप्यारों की अगुवाई में श्रद्धालुओं का जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ। श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर खूब उत्साह है। गोविंदघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि 25 मई को घांघरिया से सुबह करीब नौ बजे श्रद्धालुओं का जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा। उसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए।
15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के साथ ही 9.45 बजे गुरुद्वारा साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित कर दिया गया है। पंच प्यारे की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारे में स्थापित किया गया। सुबह दस बजे से हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में इस साल की पहली अरदास और फिर सुखमनी का पाठ शुरू हो गया। हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के मौके पर श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, गोविंद घाट गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह सहित कई महत्वपूर्ण हस्ती मौजूद थे। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार और प्रशासन ने यात्रा पड़ावों पर पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए सुरक्षा के मद्देनजर शुरुआती दिनों में रोजाना साढे़ तीन हजार श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड भेजा जाएगा।

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