आरक्षित वन क्षेत्र में न जाने की ग्रामीणों से की अपील, बनबसा में बृहस्पतिवार को बाघ के हमले में मारी गई महिला का अंतिम संस्कार हुआ, मृतकाश्रितों को वन विभाग ने 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी, प्रक्रिया पूरी होने पर दिया जाएगा छह लाख रुपये का मुआवजा
देवभूमि टुडे
चंपावत/बनबसा। लिंगड़ा (जंगली सब्जी) लेने जंगल गई बनबसा क्षेत्र की बाघ की शिकार बनी महिला का स्थानीय श्मशान घाट में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वहीं वन क्षेत्र में वन विभाग ने गश्त और अन्य सुरक्षागत उपाय बढ़ा दिए हैं। वन विभाग ड्रोन के जरिए भी बाघ की लोकेशन को ट्रेस करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी तक बाघ की लोकेशन नहीं मिल सकी है।
तराई पूर्वी वन डिवीजन के खटीमा रेंज में बनबसा के हुड्डी नदी के नजदीक हेलागोठ क्षेत्र के जंगल में बाघ के हमले में 23 मई के पूर्वान्ह फागपुर बनबसा की मुन्नी देवी (32) बाघ के हमले में मौत हो गई थी। खटीमा के वन क्षेत्राधिकारी महेश चंद्र जोशी ने बताया कि कंपार्ट नंबर छह के आरक्षित वन क्षेत्र में बाघ के हमले में महिला की मौत हुई। विभाग ने परिजनों को तत्काल राहत के रूप में 25 हजार रुपये की राशि दी है। इसके अलावा प्रपत्र जमा होने के बाद परिजनों को छह लाख रुपये की अनुमन्य मुआवजा राशि दी जाएगी।
रेंजर जोशी ने बताया कि इस वन क्षेत्र में तीन कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। सेंपल एकत्र करने के साथ मृत महिला का स्लाइवा लिया गया है। जीव विज्ञानी डॉ. प्रशांत कुमार ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। साथ ही ग्रामीणों को ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए जंगल में नहीं जाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।