रागी जत्थेदारों ने गुरु साहिब की सीख जीवन में उतारने की अपील की, तीन दिनी जोड़ मेले का समापन बृहस्पतिवार को
देवभूमि टुडे
चंपावत। सालाना जोड़ मेले के दूसरे दिन 22 मई को रीठा साहिब गुरुद्वारे में हजारों की संख्या में सिख संगत पहुंची। मुख्य मेले में गुरुद्वारा साहिब – जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल… के जयघोष से गुंजायमान रहा। संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मुख मत्था टेककर अरदास की। लधिया और रतिया नदी के संगम पर स्नान करने वालों का हुजूम उमड़ा। तीन दिनी जोड़ मेले का समापन बृहस्पतिवार को होगा।
चंपावत से 75 किमी दूर रीठा साहिब के तीन दिनी मेले के दूसरे दिन बुधवार को हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से गुरु साहिब के अनुयायी रीठा साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। नानकमत्ता सहित दूसरे स्थानों से पहुंचे रागी जत्थेदारों ने शबद गायन कर गुरुवाणी का पाठ किया। गुरुदेव की नेकी, मदद और परिश्रम की शिक्षा को जीवन में उतारने की अपील की। गुरुद्वारा रीठा साहिब के प्रमुख बाबा श्याम सिंह ने सभी का स्वागत किया। कार सेवा प्रमुख बाबा बचन सिंह, सुरेंद्र सिंह सहित तमाम संतों ने सिख धर्म के त्याग,सेवा और सत्कार की भावना को बनाए रखने की सीख दी। आयोजन में सुरेश सिंह, हयात राम, सतनाम सिंह सोनी, रेखा कोहली, मनप्रीत कौर, दयाल सिंह आदि ने सहयोग किया। सीओ वंदना वर्मा ने मेला क्षेत्र में जाकर तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
तीसरी उदासी में रीठा साहिब पधारे थे गुरुनानक देवः
लधिया व रतिया के संगम पर स्थित रीठा साहिब गुरुद्वारा सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। तीसरी उदासी यानी धार्मिक यात्रा के दौरान सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव अपने शिष्य मरदाना के साथ यहां पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कड़वे रीठे को मिठास देकर इस स्थान को प्रमुख तीर्थ स्थल में बदल दिया था। सिख संगत का वर्षभर रीठा साहिब आने का सिलसिला जारी रहता है। विधिक शिविर में कानूनी ज्ञान दियाः रीठा साहिब के जोड़ मेले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक शिविर लगाकर कानूनी जानकारी दी गई। पैरा लीगल वाँलंटियर हयात राम और भुवन राम ने कानूनी ज्ञान को अन्याय से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया बताया। साथ ही निशुल्क कानूनी साहित्य भी बांटा गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर चिकित्सा शिविर लगाया गया।