पहले दिन पांच हजार तीर्थयात्रियों ने मत्था टेका, मुख्य मेला 22 मई को, सेवा और बलिदान की सीख देता है सिख धर्म
देवभूमि टुडे
चंपावत/रीठा साहिब। बोले सो निहल, सत श्री अकाल… के उद्घोष के साथ रीठा साहिब का जोड़ मेला शुरू हो गया। तीन दिनी मेले का मंगलवार को पवित्र ग्रंथ साहिब पाठ की लड़ी के बीच आगाज हुआ। डीएम नवनीत पांडेय ने गुरुद्वारे के मुख्य द्वार पर फीता काट मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने सिख धर्म की खूबियों को बताते हुए त्याग व बलिदान को प्रेरणाप्रद बताया। डीएम ने श्रद्धालुओं को मेले में सभी सुविधाएं देने के साथ रीठा साहिब के विकास के लिए मास्टर प्लान पर चल रहे काम की जानकारी दी। एसपी अजय गणपति ने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेला क्षेत्र में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
उद्घाटन मौके पर कारसेवा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह, बाबा सुरेंद्र सिंह, नानकमत्ता गुरुद्वारे के प्रबंधक बाबा रवींद्र सिंह, रीठा साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधक बाबा श्याम सिंह, जिला सूचनाधिकारी गिरिजा शंकर जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता भगवान राम, भोला बोहरा सहित बड़ी संख्या में सिख गुरु मौजूद थे। संतों ने सिख धर्म गुरुओं की सेवा और बलिदान की अदभुत मिसाल सबके लिए प्रेरणादाई है। संतों ने अमृतवाणी के अलावा रीठा साहिब गुरुद्वारे का इतिहास बताया। 21 मई को पहले दिन पांच हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे। देश के कई हिस्सों के अलावा नानकमत्ता, रुद्रपुर, हल्द्वानी, खटीमा, सितारगंज, काशीपुर सहित कई जगहों से संगत पहुंची। तीर्थयात्रियों ने रतिया और लधिया नदी के संगम पर स्नान कर गुरु के दरबार में मत्था टेका। इसी के साथ श्री गुरुग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की लड़ी शुरू हुई। मुख्य मेला 22 मई को होगा। अखंड सबद-कीर्तन और लंगर चल रहा है। बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री बर्तन, जूते-चप्पल साफ कर सेवा में हाथ बंटा रहे हैं। मेले में विभिन्न स्थानों से आए कारोबारियों ने दुकानें भी सजाई है।