पिरुल एकत्रीकरण से बचेंगे जंगल, बढे़गी आय…सरकारी अमले की कवायद

मुख्य वन संरक्षक डॉ. तेजस्विनी पाटिल ने UCOST और SHG की महिलाओं से संवाद किया, IIP के वैज्ञानिकों ने पिरूल से ब्रेकेट्स बनाने का प्रदर्शन किया

देवभूमि टुडे

चंपावत/ भिंगराड़ा। वनाग्नि सुरक्षा की चंपावत की नोडल अधिकारी व CCF (मुख्य वन संरक्षक) डॉ. तेजस्विनी पाटिल ने UCOST के अधिकारियों और SHG की महिलाओं से संवाद किया। कहा कि पिरुल एकत्रीकरण से न केवल वनाग्नि से बचाव में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों की आय का भी जरिया बनेगी। साथ ही उन्होंने अग्नि काल में चौकसी बरतने के भी निर्देश दिए।

इससे पूर्व CCF डॉ. पाटिल ने उत्तरी कुमाऊं वृत्त अल्मोड़ा के वन संरक्षक कोको रोसो, चंपावत के प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चंद्र कांडपाल, SDO नेहा चौधरी व ACF कार्तिकेय ने चंपावत वन प्रभाग के भिंगराडा वन क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान INDIAN INSTITUTE OF PETROLIUM देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. पंकज आर्या के नेतृत्व में पाटी के खंड विकास अधिकारी सुभाष चंद्र लोहनी और पाटी NRLM, BMM एवं UCOST के जरिए पिरूल से ब्रेकेट्स बनाने के लिए वर्कशाप, ट्रेनिंग व डेमोनस्ट्रेशन किया। वर्कशाप में IIP के निदेशक हरेंद्र सिंह बिष्ट, UCOST के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत और पूनम गुप्ता ने वर्चुअल रूप से भिंगराड़ा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उपयोगी जानकारी दी। किसान सभा की ओर से नितिन बख्शी ने मार्केटिंग एवं लॉजिस्टिक की जानकारी दी। यूकॉस्ट जल्द ही भिंगराड़ा में पिरूल का बिकेट्स बनाने की यूनिट लगाएगा। वन क्षेत्राधिकारी हिमालय सिंह टोलिया ने पिरूल एकत्रीकरण में पूरे सहयोग की बात कही गई। सरकार ने 8 मई को ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को आगे बढ़ाते हुए जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदने का ऐलान किया था।

error: Content is protected !!