लापरवाही बरतने पर 10 वन कर्मी निलंबित…जंगल की आग पर रोक के लिए सचिवों को दी जाएगी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में वनाग्नि, पेयजल, मानसून सीजन के साथ ही चार धाम की तैयारियों के निर्देश दिए, आग लगाने में संलिप्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई होगी

देवभूमि टुडे

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही और आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा की। वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए फायरलाइन बनाने की कार्यवाही में मुख्यमंत्री खुद प्रतिभाग करेंगे। साथ ही इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। वनाग्नि को पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए। सभी सचिव संबंधित जिलों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की हिदायत दी। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पांडेय, डॉ. आर राजेश कुमार, एडीजी एपी अंशुमान, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी DM मौजूद थे।
वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाएः
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। कुछ अन्य कार्मिकों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लेने के निर्देश दिए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाए जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। वनों से पिरूल को एकत्र करने के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए। पिरूल संग्रहण केंद्र बनाए जाएं। इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली राशि को बढाई जाए।
मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएः
मुख्यमंत्री ने मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेनेज और चैनलाइजेशन की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान उन्होंने नदी किनारे सुरक्षा दीवार निर्माण और मरम्मत समय पर पूर्ण करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाय कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।
प्रो एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारीः मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम करें। मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता के साथ पूरी तैयारी करे। सफाई के अलावा स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाए। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। साफ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय। जहां पेयजल की समस्या है वहाँ टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाए। इसके लिए सभी कार्यदाई संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।
चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्याः
मुख्यमंत्री ने चारधाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनौत्री व गंगोत्री) यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाए। कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के जरिए लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

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