इस बार 60 फीसदी ज्यादा बरसेंगे मेघराज…भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर्स बनेगा विकल्प

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मानसूनी तैयारी को लेकर विभिन्न विभागों के लिए प्रशिक्षण शिविर
देवभूमि टुडे
देहरादून। वर्ष 2024 के मानसून में 60 प्रतिशत ज्यादा बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने इसका पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह के अनुसार इस बार सामान्य से 60 फीसदी अधिक बारिश की संभावना है। इस पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी विभागों को अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बृहस्पतिवार को यूएसडीएमए (उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) की ओर से मानसून को तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि मौसम विभाग मौसम संबंधी जानकारियों को लेकर लगातार अलर्ट भेजता है। इसका अनुपालन किया जाए, तो आपदाओं से जानमाल के नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
विभाग मौसम की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी कर रहा है। मौसम विशेषज्ञ रोहित थपलियाल ने बताया कि मौसम विभाग की वेबसाइट पर पल-पल की जानकारी मौजूद है और कई प्रसार माध्यमों से इन जानकारियों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार ने कहा कि राज्य में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में बरसात के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उपायों में संबंधित विभाग तेजी लाएं। जल निकासी व्यवस्था को ठीक करने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से रिटेनिंग वॉल बनाने, तारबाड़ करने, भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी व अर्ली वॉर्निंग जारी करने, रॉक फॉल जोन की मैपिंग करने की जानकारी दी।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर्स (एक तरह की सुरंग) बनाना अच्छा विकल्प है। इससे मलबा शेल्टर के ऊपर गिरेगा और शेल्टर के नीचे यातायात सामान्य रूप से चलता रहेगा। यूएसडीएमए के एसईओसी प्रभारी राहुल जुगरान ने मानसून चारधाम यात्रा को लेकर विभाग की तैयारियों की जानकारी दी। कहा कि मानसून चारधाम यात्रा को लेकर यूएसडीएमए पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत के अलावा सभी जिलों के डीडीएमओ, सीएमओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायतीराज विभाग, पिटकुल, एनडीआरएफ,, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग के अफसरों ने हिस्सा लिया।
आकाशीय बिजली कड़के, तो न नहाएं और न बर्तन
देहरादून। यूएसडीएमए के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. विमलेश जोशी और मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बिजली से बचाव की जानकारी दी। कहा कि बिजली गिरने की घटना को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हर साल काफी लोग बिजली की चपेट में आकर जान गंवा देते हैं। जब घर के भीतर हों, तो बिजली के स्विच से प्लग निकाल दें। तार वाले फोन का उपयोग न करें। जब बिजली कड़क रही हो, उस समय न तो नहाना चाहिए और न ही बर्तन धोने चाहिए। जब घर से बाहर हों, तो अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। किसी पेड़ के नीचे खड़े रहना या बिजली अथवा किसी अन्य पोल के सहारे खड़ा रहना खतरनाक हो सकता है। यदि वोटिंग या स्वीमिंग कर रहे हों, तो पानी से बाहर आना जरूरी है।

error: Content is protected !!