विभिन्न मांगों को लेकर उपज रहा गुस्सा
सरकार पर लगाया मांगों को अनसुना करने का आरोप
देवभूमि टुडे
चंपावत। मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हुजूम 16 फरवरी को सड़कों पर था। अनदेखी से नाराज इन वर्कर्स ने जुलूस निकाल जोरदार प्रदर्शन किया। इन आंदोलनों से संबंधित विभागों के कामकाज पर भी असर पड़ा।
मानदेय, सेवानिवृत के दौरान दस लाख रुपये करने, पल्स पोलियो के दौरान दैनिक मानदेय बढ़ाने सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर आशा यूनियन की जिलाध्यक्ष सरोज पुनेठा के नेतृत्व में आशाओं ने चंपावत मोटर स्टेशन से लेकर कलक्ट्रेट तक आक्रोश रैली निकाली। चेतावनी दी कि जल्द मांग पूरी नहीं होने पर वे देहरादून में प्रदर्शनर करने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन करने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष रूकमणि जोशी, हेमा जोशी, ज्योति उपाध्याय, उमा, पुष्पा बिष्ट, संगीता प्रहरी, मीरा पंत, कमला जोशी, कविता देवी, कौशलया पांडे, लता बिष्ट सहित बड़ी संख्या में कर्मी शामिल थे।
वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन की जिलाध्यक्ष मीना बोहरा के नेतृत्व में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने भी प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर महिला कर्मियों के साथ नाइंसाफी कर रही है। अपने मूल काम के अलावा चुनाव, स्वास्थ्य सहित कई अन्य जिम्मेदारी निभाने के बावजूद उन्हें सम्मानजनक मानदेय नहीं दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी वर्कर्स ने रोजाना 600 रुपये का मानदेय, रिटायरमेंट के बाद दो लाख रुपये देने, टेक होम राशन ढुलान को केंद्र तक पहुंचाने की राशि देने, मोबाइल फोन व रिचार्ज किए जाने, विभागीय कार्यों के लिए यात्रा भत्ता देने सहित कई मांग उठाई। प्रदर्शन करने वालों में कविता देवी, पुष्पा देवी, जानकी देवी, कमला देवी, राधा देवी, कलावाती देवी, हेमा देवी, माया देवी, चन्द्रा देवी, निलावती देवी, विमला देवी आदि शामिल थे।