52 लाख रुपया नहीं होने से जिला अस्पताल में नहीं लग सका 200 किलोवाट का संयोजन
निर्माण पूरा होने और मशीन आने के बावजूद हो रही थी देरी
परीक्षण के लिए दूसरे जिले जाने से मिलेगी निजात
देवभूमि टुडे
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत के लोगों को बस एक माह में सीटी (कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी) स्कैन के परीक्षण की सौगात मिल जाएगी। इसकी सबसे बड़ी अड़चन पहली फरवरी को दूर हो गई है। अड़चन थी उच्च क्षमता के बिजली के संयोजन के लिए बजट न मिल पाना। अलबत्ता अब इसके लिए रकम शासन ने दे दी है। जिले के लोगों को सीटी स्कैन सुविधा के लिए जेब ढीली नहीं करनी होगी।
चंपावत जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा के लिए निर्माण से संबंधित काम दिसंबर 2023 में ही पूरा हो गया था। सीटी स्कैन मशीन भी चार माह पहले आ चुकी थी। लेकिन फिर भी लोगों को इस मशीन का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अलबत्ता अब एक माह के भीतर ये दुश्वारी दूर हो जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि 52 लाख रुपये की राशि शासन से अवमुक्त हो गई है। तुरंत ही इस राशि को ऊर्जा निगम को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। जिला अस्पताल में एक माह से कम समय में 200 किलोवाट क्षमता का संयोजन लगा दिया जाएगा। फरवरी के अंत तक काम पूरा कर मार्च से बाकायदा सीटी स्कैन परीक्षण शुरू करने का स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है। इस सुविधा के मिलने से चंपावत जिले की करीब तीन लाख की आबादी को लाभ होगा। उन्हें सीटी स्कैन परीक्षण के लिए निजी अस्पताल या दूसरे जिले के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
सीटी स्कैन की तस्वीर सामान्य एक्सरे से बेहतर क्वालिटी की होती हैं। दुर्घटनाओं से भीतरी चोट लगने पर पता लगाने के लिए मुख्य रूप से सीटी स्कैन होता है। स्कैन से शरीर में आई गड़बडिय़ों को समझने में मदद मिलती है। स्कैन सॉफ्ट टिशू, रक्त वाहिकाओं और हड्डियों सहित शरीर के कई अंगों पर इस्तेमाल किया जाता है।
इसलिए किया जाता है सीटी स्कैन परीक्षण:
1.शरीर के किसी हिस्से में लगी गंभीर चोट, नुकसान या विकृति का पता लगाया जाता है।
2.हड्डी टूटने, मांस पेशियों में ट्यूमर आदि हो।
3.ट्यूमर, इंफेक्शन या खून के थक्के के केंद्र जानने के लिए।
4.कैंसर, ह्दयर रोग, फेफड़े और लिवर सहित कई गंभीर बीमारी का पता लगाने के लिए।