जंगल बचाओ… जंगल की आग बुझाने के लिए छह क्यूआरटी रहेंगी मुस्तैद

प्रशिक्षित किए जाएंगे फस्र्ट रिस्पांडर
जिला वनाग्रि सुरक्षा समिति की बैठक
15 फरवरी से 15 जून तक दावाग्रि अवधि में बचाव के पुख्ता उपाय का दावा
देवभूमि टुडे
चंपावत। जिले में जंगलों को आग पर काबू पाने के लिए छह क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉंस टीम) मुस्तैद रहेंगी। इस दस्ते में वन विभाग कर्मियों के अलावा अस्थाई कर्मी भी तैनात किए जाएंगे। ये निर्णय 29 जनवरी को कलक्ट्रेट में डीएम नवनीत पांडे की अध्यक्षता में हुई जिला वनाग्रि सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया। वनाग्नि की रोकथाम में मददगार को सम्मानित भी किया जाएगा। डीएफओ आरसी कांडपाल ने कहा कि 15 फरवरी से 15 जून तक दावाग्रि अवधि में बचाव के पुख्ता किए जा रहे हैं। जिले के दस वन क्षेत्रों में 54 क्रू स्टेशन बनाए जाएंगे। जिला स्तर पर मुख्य कंट्रोल रूम स्थापित करने के अलावा घटनाओं की सूचना के लिए ऑनलाइन एसएमएस प्रणाली भी रहेगी। वहीं वनाग्नि की रोकथाम के लिए नुक्कड़ नाटक, कठपुतली नृत्य व स्कूलों में जागरूकता का सहारा लिया जा रहा है।
जिले की सभी वन पंचायतों में जरूरी उपकरणों के साथ ही फस्र्ट रिस्पांडर को फायर किट और अन्य जरूरी उपकरण देने के साथ ही प्रशिक्षित भी किया जाएगा। जिले में आग के मद्देनजर सबसे ज्यादा संवेदनशील चीड़ बहुल देवीधुरा और भिंगराड़ा रेंज में क्यूआरटी के अलावा अतिरिक्त कर्मी तैनात किए जाएंगे। आग पर काबू पाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ विभागीय समन्वय समिति भी बनाई जाएगी। डीएम ने कहा कि आग से बचाव के लिए संचार सिस्टम, उपकरण, कर्मियों की जरूरत होने पर वन विभाग प्रस्ताव दे, ताकि आपदा प्राधिकरण की मद से राशि दी जा सके। अतिरिक्त क्रू स्टेशन की जरूरत होने पर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। बैठक में एसडीओ नेहा चौधरी, चंपावत के रेंजर बीएम टम्टा, गुलजार हुसैन, दीप जोशी, कैलाश गुणवंत सहित सभी रेंजर, लोनिवि, सिंचाई और अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
आग से बचाव को खास तौर पर किए जाएंगे ये उपाय:
1.महिला स्वयं सहायता समूह को पिरूल के बकेट बनाने के लिए मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।
2.ग्रामीणों और युवाओं की भागीदारी के लिए स्कूल और गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
3.स्वयं सहायता समूह और महिला मंगल दल का भी सहयोग लिया जाएगा।
4.बचाव में बेहतरीन काम करने वाली वन पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा।
5.वन क्षेत्र के अंतर्गत अधिक से अधिक फायर लाइन बनाई जाएगी।
6.सड़क निर्माण करने वाले विभाग अपनी गैंग के जरिए नियमित रूप से सड़क से पिरूल हटाएंगे।
7.सूचना एवं संचार व्यवस्था को सुधार जाएगा, ताकि आग की घटनाओं की तुरंत जानकारी और बचाव हो सके।
8.तहसील और थाने भी वनाग्नि की घटना के मद्देनजर अलर्ट रहेंगे। एसएसबी व आईटीबीपी भी इसमें मदद करेंगे। इन एजेंसियों के साथ समन्वय बनाने और वनाग्नि की रोकथाम के लिए तैनात कार्मिकों को बचाव किट उपलब्ध कराने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
9.हर गांव में वनाग्रि सुरक्षा समिति के गठन के साथ पहली से सात फरवरी तक वनाग्रि सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा।
10.आग से बचाव के लिए प्रचार प्रसार व जागरूकता की जिम्मेदारी डीपीआरओ की होगी।
दावाग्रि की घटनाएं:
वर्ष- घटनाएं- प्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर में)
2019: 111- 161.39

2020: 8- 7.50

2021: 73- 57.77

2022: 80- 52.25

2023: 20- 12.50


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