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लोहाघाट में हटाए जा रहे अतिक्रमण के एवज में मुआवजे की भी मांग की
186 में से सिर्फ 20 अतिक्रमण हटाने के लगाए गए हैं आरोप
देवभूमि टुडे
लोहाघाट (चंपावत)। पाटनपुल से सिमलखेत तक हटाए जा रहे अतिक्रमण में भेदभाव बरतने का लोक निर्माण विभाग पर लोगों ने आरोप लगाया है। इस शिकायत को लेकर बुधवार को नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम से गुहार लगाई। साथ ही हटाए जा रहे अतिक्रमण के एवज में मुआवजे की भी मांग कीि गई है।
आनंद सिंह ओली के नेतृत्व में लोगों ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा कि लोनिवि को हाईकोर्ट के निर्देश पर 186 जगहों से अतिक्रमण हटाने थे, लेकिन दस दिसंबर से शुरू कार्रवाई के बावजूद विभाग ने अब तक 20 मकानों के आसपास के अतिक्रमण को ही हटाया है। शेष अतिक्रमण को हटाने में हीलाहवाली की जा रही है। इससे लोनिवि की कार्यशैली शक के घेरे में आ रही है। लोगों ने कहा कि मार्ग के किनारे पूर्व सैनिक, कर्मी और अल्पवेतन भोगी वर्ग ने खून पसीने की कमाई से मकान बनाए हैं। इसके बावजूद अगर विभाग कार्रवाई करता है, तो बगैर भेदभाव के हो। साथ ही ध्वस्त किए जा रहे अतिक्रमणों के बदले मुआवजा दिया जाए। ऐसा नहीं होने पर सीएम पोर्टल में शिकायत दर्ज करने की बात कही गई है। एसडीएम के अलावा लोगों ने लोनिवि को भी ज्ञापन भेजा। इस मौके पर मोहन चंद्र जोशी, राकेश बोहरा, भूपाल पाटनी, खष्टी बल्लभ पाटनी, कैप्टन शेर गिरी, आरडी चौथिया, सोबन सिंह पाटनी, राजकुमार जोशी, हरीश चंद्र जोशी, प्रभात पचौली, धन सिंह पाटनी, चंद्रशेखर मुरारी, अंबादत्त पचौली, हरीश पाटनी, महेश तड़ागी, दिनेश बोहरा आदि मौजूद थे। लोनिवि के अधिकारियों ने दोहरे मापदंड अपनाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी अतिक्रमणों को हटाया जाएगा।
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अदालत के आदेश का अक्षरश: पालन होगा: एसडीएम
लोहाघाट की एसडीएम रिंकू बिष्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमणों को लोक निर्माण विभाग हटा रहा है। इसमें किसी भी तरह के भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता। सभी सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को हर हाल हटाया जाएगा। न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
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