

साहित्यिक योगदान के लिए पिथौरागढ़ में हुए 2 दिन ‘आदली कुशली’ दूध बोलि भाषा सम्मेलन में हुआ सम्मान
देवभूमि टुडे
चंपावत/पिथौरागढ़। कुमाऊंनी भाषा और लोक संस्कृति को समर्पित प्रमुख साहित्यिक कार्यक्रम ‘आदलि कुशली’ दूध बोलि भाषा के पिथौरागढ़ में हुए दो दिनी सम्मेलन में कुमाऊंनी भाषा के संरक्षण, संवर्द्धन और विस्तार को लेकर मंथन हुआ। संस्थापक डॉ. सरस्वती कोहली के संरक्षण दिशा-निर्देशन में ‘आदली कुशली’ दूध बोलि भाषा जैसे आयोजन एवं निरंतर आठ वर्षों से प्रकाशित हो रही मासिक पत्रिका न केवल कुमाऊंनी भाषा के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी अपनी लोक संस्कृति दूधबोलि भाषा और परंपरा से जोड़ने में मददगार हो रही है। पिथौरागढ़ में 22 जून को संपन्न ‘आदली कुशली’ दूध बोलि भाषा सम्मेलन में चंपावत के 9 साहित्यकार व कवि सम्मानित हुए। इन साहित्यकारों को उनकी कुमाऊंनी भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक संरक्षण में सक्रिय भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मान को क्षेत्र की सांस्कृतिक चेतना और समर्पण का प्रमाण बताया।
सम्मानित होने वाले चंपावत जिले के साहित्यकार:
1.वरिष्ठ साहित्यकार और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भूपेंद्र सिंह देव ‘ताऊजी‘।
2.कवि जीवन तिवारी।
3.लेखक,कवयित्री शिक्षिका कमला वेदी।
4.सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कवयित्री हेमा जोशी स्वाति‘।
5.भाषा सेवक व रचनाकार नवीन पंत।
6.राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नरेश जोशी।
7.युवा लेखक व कवि गौरव बंसल।
8.नवोदित साहित्यिक प्रतिभा नितिन देव।
9.राज्यपाल पुरस्कार प्राप्तकर्ता शिक्षिका मंजू बाला।

