चंपावत में विशेष सत्र न्यायाधीश का फैसला
6 वर्ष पुराने मामले में 930 ग्राम चरस के साथ पकड़ा गया था आरोपी
देवभूमि टुडे
चंपावत। छह वर्ष पुराने चरस तस्करी के मामले में विशेष सत्र न्यायालय ने अभियुक्त को सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतान पड़ेगा।
पुलिस ने कार चालक लोहाघाट थाना क्षेत्र के होली पिपलाटी निवासी तथा हाल निवासी उमरूखुर्द, खटीमा जिला ऊधमसिंह नगर कैलाश चंद्र भट्ट पुत्र जसोधर भट्ट को चंपावत के बाजरीकोट मोड़ के पास बैग के साथ अगस्त 2018 में पकड़ा। शक होने पर बैग की तलाशी ली,तो उसमें से 930 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने अभियुक्त के पास से डायरी, कैलकुलेटर, आधार कार्ड, वोटर आईडी और दो मोबाइल फोन, हाथ में पहनी हुई घड़ी के साथ 17150 रुपये की नकदी भी जब्त की। जिसे बाद में उसे लौटा दिया गया। चरस तस्करी के आरोप में पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत में चली सुनवाई के बाद तमाम साक्ष्यों और गवाहों को ध्यान में रखते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने अभियुक्त को चरस तस्करी का दोषी पाया। सात साल के कारावास की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने पैरवी की।