घंटों की हुज्जतबाजी के बाद रोडवेज बस और टैक्सियों से रीठा साहिब जाने को राजी हुए तीर्थयात्री
एनएच के पर्वतीय मार्गों पर 50 सीटर से अधिक व धूनाघाट-रीठा साहिब सड़क पर 32 सीटर से अधिक बसों के संचालन की अनुमति नहीं
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के पास रैंतोली में 15 जून को टेंपो-ट्रैवलर हादसे में 15 यात्रियों की मौत के बाद पुलिस और प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर फिर अभियान चला रहा है। लेकिन इसके बावजूद अनधिकृत वाहनों का पर्वतीय मार्गों पर आना थम नहीं रहा है। महज दो दिन बाद ही 17 जून को चंपावत जिले के पहाड़ी मार्ग पर 60 सीटर बस बेरोकटोक टनकपुर से 89 किलोमीटर दूर लोहाघाट तक पहुंच गई। बाद में स्थानीय प्रशासन ने मानकों की अनदेखी कर लोहाघाट तक पहुंची 5 बसों को रोका। इन बसों के यात्रियों को रोडवेज बस और टैक्सियों से रीठा साहिब को भेजा गया।
लोहाघाट के प्रभारी तहसीलदार जगदीश नेगी ने बताया कि तीर्थ यात्रियों की पांच बसों को लोहाघाट रोडवेज स्टेशन के पास रोका गया। इन बसों में 40 से 60 यात्री सवार थे। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग के पर्वतीय हिस्सों में 50 सीट तक की बस ही अनुमन्य है। वहीं धूनाघाट से रीठा साहिब सड़क पर 32 सीटर बस ही संचालित की जा सकती है। एनएच पर टनकपुर से आगे पर्वतीय सड़कों पर 50 सीटर से अधिक और धूनाघाट से रीठा साहिब सड़क पर 32 सीटर से अधिक बसों को नहीं चलाया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को समझाबुझा कर बड़ी बसों को यहीं रोक दूसरे वाहनों पर जाने के लिए राजी कराया। जिसके बाद थाना प्रभारी अशोक कुमार और यातायात पुलिस कर्मी हेम माहरा ने रोडवेज की एक बस और 22 टैक्यियों से यात्रियों को रीठा साहिब के लिए रवाना कराया गया।