
8 मिनट तक चली देवीधुरा की बगवाल
182 बगवाली रणबांकुरे चोटिल
मां वाराही धाम में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा सहित कई अतिथि हुए शामिल
देवभूमि टुडे
चंपावत। मां वाराही धाम देवीधुरा में आषाढ़ी कौतिक के दिन 9 अगस्त को 8 मिनट तक ऐतिहासिक बगवाल हुई। 182 बगवाली रणबांकुरे चोटिल हुए। पिछले साल बगवाल 10 मिनट तक खेली गई। 50 हजार से अधिक दर्शक बगवाल के साक्षी बने। केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा बगवाल के मुख्य अतिथि थे। मंत्री ने कहा कि बगवाल लोक आस्था व प्राचीन परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने मेले में श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधाएं देने की बात कही। मेले में भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा, पूर्व सांसद महेंद्र पाल सिंह, दिल्ली के पटपड़गंज के विधायक रवींद्र नेगी भी मौजूद थे।
शुक्रवार को विराट पूजन के बाद दुबचौड़ खोलीखांण मैदान में सबसे पहले सफेद पगड़ी में वालिग खाम के योद्धा मैदान में पहुंचे। उसके बाद केसरी रंग के साफे के साथ 1:17 बजे गहररवाल खाम के योद्धा पहुंचे। 1:25 बजे गुलाबी साफे के साथ चम्याल खाम के योद्धा पहुंचे। सबसे आखिर में 1:50 बजे पीले साफे में लमगड़िया खाम के योद्धाओं के पहुचने के साथ दोपहर 1:58 बजे से 2:06 बजे तक चली बगवाल में फल और फूल चले। बगवाल में 182 योद्धा चोटिल हुए, जिनमें से अधिकांश का इलाज चिकित्सा शिविर में किया गया। इस विस्मयकारी नजारे के साक्षी बनने के लिए चंपावत सहित अन्य जिलों से भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। आंखों देखा हाल पीठाचार्य पंडित कीर्तिबल्लभ जोशी और भुवन चंद्र जोशी ने सुनाया। दर्शक दीर्घा में भाजपा नेता सतीश पांडेय, पूर्व दर्जा मंत्री हरीश पनेरु, ग्राम प्रधान संगठन के पूर्व ब्लॉक राजेंद्र बिष्ट, डीएम मनीष कुमार, एसपी अजय गणपति, पिथौरागढ़ की एसपी रेखा यादव, सीडीओ डॉ. जीएस खाती, मेला मजिस्ट्रेट नितेश डांगर, मेलाधिकारी कमलेश बिष्ट सहित कई जनप्रतिनिधों और अधिकारियों ने भी बगवाल देखी। मेला क्षेत्र में शांति व सुरक्षा के लिए पुलिस की पुख्ता तैनाती की गई थी। मेला क्षेत्र के आसपास वाहनों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहा। मंदिर समिति ने राज्य मंत्री से वालिग से 8 किमी दूर केदारनाथ तक लिंक सड़क बनाने की मांग की।



