चंपावत के सत्र न्यायालय का फैसला 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जुर्माना न चुकाने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा देवभूमि टुडे
चंपावत । चंपावत के सत्र न्यायालय ने दहेज हत्या के सात साल पुराने मामले में मृतका के पति को दोषी पाया है। कसूरवार पति को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मोहन कांडपाल ने अक्टूबर 2017 में अल्मोड़ा जिले के जैंती तहसील में तहरीर देकर कहा था कि 2010 में उसने अपनी पुत्री निर्मला का विवाह रीठा क्षेत्र के धरसो निवासी भुवन चंद्र सनवाल से किया था। ससुराली उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। 13 अक्टूबर 2017 को पति भुवन, भुवन के पिता नारायण और चाचा-चाची ने जहर देकर निर्मला को मारने का आरोप लगाया। लेकिन पुलिस जांच में पति भुवन के अलावा अन्य किसी की भूमिका नहीं पाई गई। जिस कारण पुलिस द्वारा अदालत में पेश आरोप पत्र में पति भुवन चंद्र सनवाल को ही आरोपी बनाया गया था। सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर भुवन सनवाल को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही तीन अलग-अलग धाराओं में 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से एडवोकेट विद्याधर जोशी ने पैरवी की।