5 अतिथि शिक्षक हटाए गए

संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने कार्यमुक्त किया
चंपावत जिले में स्थाई LT शिक्षक आने से गई नौकरी
अतिथि शिक्षकों में नाराजगी, भविष्य को लेकर बढ़ी चिंता, दूसरे स्कूलों में समायोजन का प्रयास:CEO
देवभूमि टुडे
चंपावत। दिवाली से चंद दिनों पहले अतिथि शिक्षकों को तगड़ा झटका लगा है। LT शिक्षकों की तैनाती के बावजूद अतिथि शिक्षकों की सेवा प्रभावित नहीं होने का सरकारी दावा फिलहाल बेदम निकला है। अगर इन अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित ना किया गया, तो उनका पैदल होना तय है। चंपावत जिले में ही कम से कम 5 अतिथि शिक्षकों को कल 16 अक्टूबर को निकाल दिया गया है। वजह उनके विद्यालयों में LT के स्थाई शिक्षकों की तैनाती का होना है।

वर्षों से सेवा दे रहे चंपावत के गोली राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के अतिथि शिक्षक चतुर राम, सिंगदा के प्रमोद परगांई, निलोटी की नेहा, मंच जीआईसी की आभा जोशी और बापरू की राखी गहतोड़ी की अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा समाप्त हो गई है। इन सभी अतिथि शिक्षकों को उनके विद्यालयों से कल 16 अक्टूबर को बाकायदा कार्यमुक्त कर दिया गया है। कई वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा दे विद्यालयों की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने वाले ये अतिथि अध्यापक दिवाली से ऐन पहले बेरोजगार हो गए हैं। उनके जीवन में अनिश्चितता और दुविधा बढ़ गई है।

2 दिन पहले 15 अक्टूबर को माध्यमिक अतिथि शिक्षक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष चंचल सिंह कुंवर, जिला सचिव नीरज जोशी सहित अन्य अतिथि शिक्षकों ने मुख्य शिक्षाधिकारी को ज्ञापन दिया था। जिसमें उन्होंने स्थाई नियुक्ति से प्रभावित अतिथि शिक्षकों को अन्यत्र समायोजित करने का आग्रह किया था।

14 अक्टूबर को देहरादून में 1347 LT शिक्षकों को नियुकि पत्र दिया गया था। तब सरकार की ओर से कहा गया था कि अतिथि शिक्षकों पर नई नियुक्ति का असर नहीं पड़ेगा। अतिथि शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रहेगी। लेकिन फिलहाल तो चंपावत जिले से ही 5 अतिथि शिक्षकों को उनके स्कूलों से बाहर कर दिया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी: मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि नव नियुक्त LT शिक्षकों की तैनाती दुर्गम स्कूलों में की गई है। जिन विद्यालयों के अतिथि शिक्षक प्रभावित हुए हैं, उनकी मैरिट लिस्ट बनाकर उन्हें अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। अगर जिले के विद्यालयों में जगह नहीं होगी, तो ऐसे अतिथि शिक्षकों को कुमाऊं मंडल के दूसरे जिलों में समायोजित करने की कवायद की जाएगी। ऐसे शिक्षकों की सूची मंडलीय शिक्षा निदेशक को भेजी जाएगी।

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