मत्स्यपालन प्रशिक्षण से हुनरमंद बनेंगे सीमांत के युवा:कमांडेंट अनिल कुमार सिंह

चंपावत जिले के सीमांत के 20 ग्रामीणों को में दिया गया 5 दिनी मत्स्यपालन प्रशिक्षण
ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ गांवों की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मददगार देवभूमि टुडे
चंपावत। ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के सहयोग से चंपावत में शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ने नेपाल सीमा से लगे गांवों के 20 ग्रामीणों (12 पुरुष व 8 महिला) को प्रशिक्षण दिया। SSB की पंचम वाहिनी के कमांडेंट अनिल कुमार सिंह ने 5 दिनी मत्स्य पालन प्रशिक्षण के समापन मौके पर प्रशिक्षण लेने वाले ग्रामीणों को व्यावसायिक मत्स्यपालन प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र वितरित किए। नागरिक कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत वाहिनी मुख्यालय परिसर में हुए कार्यक्रम में कमांडेंट ने कहा कि यह प्रशिक्षण सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ गांवों की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करेगा।
नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से व्यावसायिक मत्स्यपालन प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ.किशोर कुणाल ने पांच दिनी प्रशिक्षण में नवीनतम तकनीक और मत्स्यपालन के वैज्ञानिक तरीके अपनाकर अधिक आमदनी के टिप्स दिए। डॉ. गरिमा ने मतस्यपालन, मछली के बीज हैचरी के कुशल प्रबंधन, संचालन, मछलीघर (Aquarium) बनाने एवं मछली से सम्बंधित व्यवसाय की बारीक जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान उप कमांडेंट सीएस पाटिल, हेमंत कुमार सहायक उप निरीक्षक अनिल शर्मा, संजीत सिंह, मुख्य आरक्षी/सामान्य- मोहन सिंह धुर्वे, अजय उपाध्याय सहित SSB के कर्मी मौजूद थे।

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