बचाने के लिए पुनर्जीवित की जाएंगी 20 सहायक नदियां: सीडीओ सिंह
जिले की सभी 313 ग्राम पंचायतें अपने स्तर से काम करेंगी, अमृत सरोवरों को संरक्षित किया जाएगा
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत जिले में जिले में 40 पेयजल स्रोत या तो सूख गए हैं या सूखने के कगार पर हैं। इन स्रोतों को संरक्षित करने के लिए 20 सहायक नदियों को पुन: जीवित किया जाएगा। जल चंपावत के डूंगरासेठी गांव में जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए वृहद जागरूकता अभियान के दौरान मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह ने ये बात कही।
बताया कि इसके लिए जिले की सभी 313 ग्राम पंचायतें अपने स्तर से काम करेंगी। जिले में बने अमृत सरोवरों को संरक्षित करने के लिए सभी अधिकारी ड्यूटी के अनुरूप अपने अमृत सरोवरों पर जाएंगे और एक माह के भीतर सरोवरों में जल को रोकने के लिए संरचना तैयार की जाएगी। सीडीओ ने कहा कि जिले में पानी की कमी से बचने के लिए व जल स्रोतों के स्तर को बढ़ाने के लिए जिला, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर पर चलाए जा रहे जल उत्सव कार्यक्रमों में सघन पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। भारत सरकार द्वारा गाांवों में जल स्रोत बढ़ाने के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। कहा कि जिला पंचायत व ग्राम पंचायत के कोष से जल संरक्षण के लिए निवेश किया जाएगा।
जल के लिए जरूरी जल स्रोत…जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय ने जल संरक्षण का आह्वान किया
चंपावत के डुंगरासेठी गांव में जल संरक्षण व जल संवद्र्धन अभियान का हुआ आगाज
चंपावत। जल संरक्षण और संवद्र्धन के लिए वृहद जागरूकता अभियान का आगाज हो गया है। 10 जून को चंपावत ब्लॉक के डूंगरासेठी गांव में अभियान शुरू करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय ने कहा कि पेयजल स्रोतों को बचाना और बढ़ाना बेहद जरूरी है। सरकारी अमले की जवाबदेही से लेकर आम लोगों की इसे बचाने की जिम्मेदारी है। इस दौरान अध्यक्ष ने अन्य लोगों के साथ पौधरोपण भी किया। अध्यक्ष राय ने सभी संबंधित विभागों को सूख रहे जल स्रोतों, सहायक नदी, तालाब और धारों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए। चंपावत की ब्लॉक प्रमुख रेखा देवी ने कहा कि मौजूदा समय में पेयजल किल्लत है। उन्होंने इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्यक्रमों पर जोर दिया। कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, जिला पंचायत राज अधिकारी रामपाल सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।