रेलवे के राज्य संपदा अधिकारी न्यायालय ने पांच लोगों को रेलवे भूमि खाली करने का दिया था आदेश
संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्रवाई को एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। रेलवे के राज्य संपदा अधिकारी न्यायालय के आदेश के बाद 21 मार्च को अतिक्रमण हटाने के ऐलान से यहां लोग सकते में हैं। इस फैसले के क्रियांवयन को रोकने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति ने 18 मार्च को एसडीएम और सीएम कैंप कार्यालय ज्ञापन भेजा। समिति का दावा है कि वे इस स्थान पर पांच दशक से अधिक समय से रह रहे हैं, लेकिन रेल विभाग संयुक्त सर्वे और सीमांकन कराए बगैर नियम विरूद्ध ये कार्रवाई कर रहा है। समिति ने जिला प्रशासन, नगर पालिका और संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों को विश्वास में लिए बगैर की जा रही कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए रोकने का आग्रह किया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के राज्य संपदा अधिकारी न्यायालय ने 29 फरवरी को 15 दिन के भीतर (यानी 15 मार्च तक) पांच (सुरेंद्र गुप्ता, तुलसी गुप्ता, अख्तारी बेगम, खुर्शीदा खातून और प्रतिभा अग्रवाल) लोगों द्वारा अतिक्रमित रेलवे भूमि खाली करने का आदेश पारित किया था। इस आदेश के 15 दिन बीतने पर रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने टनकपुर के एसडीएम को पत्र भेज टनकपुर रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित रेलवे भूमि अतिक्रमण को हटाने के संबंध में पत्र भेजा। जिसमें उन्होंने 21 मार्च सुबह दस बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की बात कही है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस बल दे सहयोग करने का आग्रह किया है।