होली की महफिल: बरसाना में खेलत होरी…

चंपावत के भरछाना में ज्योतिषाचार्य पंडित रेवाधर कलोनी के आवास में बैठकी होली
देवभूमि टुडे
चंपावत। यहां भरछाना के श्री राधा कृष्ण मंदिर में कलश संगीत कला समिति की होली बैठकी में होली गीत की महफिल में होल्यारों ने कई रंग बिखेरे। ज्योतिषाचार्य पंडित रेवाधर कलोनी के संयोजकत्व और गंधर्व गिरी महाराज की अध्यक्षता में चंपावत और लोहाघाट क्षेत्र के कलाकारों ने होली गीत प्रस्तुत किए। शुरुआत प्रकाश पांडे ने राग यमन मे इस होली गीत से कीं-सांझ काल नंदलाल खेलें होरी।
सुनील पांडे ने राग पीलू में-आज रंग है बिरज में, गंधर्व गिरि महाराज ने राग कल्याण में-बरसाना में खेलत होरी, प्रणव शर्मा ने राग कल्याण में-माई में मंदिरवा में दीपक बारू, गिरीश पंत ने राग काफी में-गाओ सुहागिनन होगली, राजू पंत ने राग काफी में-अबके अयोध्या लागे न्यारी, शांति जोशी ने राग जंगला काफी में-पिया ऐसी रंगा दीजो मोरी चुनरिया, दिनेश बिष्ट ने राग खम्माज में-चतुर कन्हैया तुम जाने न पाओगे, हिमेश कलखुडिय़ा ने राग देश में-मैं तो कोसुंगी कुंज बिहारी लाल को, महेश जोशी ने राग विहाग मेें-लगन बिन को जागे सारी रात और प्रेम बल्लभ भट्ट ने राग देश में-हूं बैरागन अपने पिया की-होली गीत पेश कर माहौल को रंगीन बना दिया।

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