टनकपुर-पूर्णागिरि ही नहीं टनकपुर-जौलजीबी सड़क पर भी पहिये जाम
भैरव मांदिर क्षेत्र में फंसी कई कारें
चंपावत। पूर्णागिरि धाम की धर्मयात्रा पर बाटनागाड़ भारी पड़ रहा है। थोड़ी सी बारिश और बिसोरिया भूस्खलन क्षेत्र से आने वाला मलबा पूर्णागिरि मार्ग की राह पर ब्रेकर लगा रहा है। 30 जून के बाद एक बार फिर चार जुलाई को बाटनागाड़ क्षेत्र का हिस्सा मलबे से पट गया। हाल यह हो गए कि बिसोरिया से आने वाले मलबा कई जगह पांच फीट ऊंचा हो गया। सोमवार को देवी धाम के दर्शन करने गए तीर्थ यात्री भी ठुलीगाड़-भैरव मंदिर क्षेत्र में अटके हैं। वहीं कुछ जीप और कारें भी इन क्षेत्रों में फंसी है।
जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर से आठ किलोमीटर दूर बाटनागाड़ क्षेत्र में आवाजाही पर विराम लग गया है। सिर्फ पूर्णागिरि धाम (ककरालीगेट-भैरव मंदिर सड़क) ही नहीं, बल्कि निर्माणाधीन टनकपुर-जौलजीबी सड़क के लिए भी इसी बाटनागाड़ से होकर गुजरना होता है। टीजे रोड में फिलहाल टनकपुर से चूका तक आवागमन होता है, लेकिन बाटनागाड़ ने इस राह को भी रोक दिया है। रोड बंद होने से मां पूर्णागिरि धाम की यात्रा पर खुद-ब-खुद ब्रेक लग गया। वहीं प्रशासन ने भी एहतियान आवागमन पर रोक के आदेश दिए हैं। खुद टनकपुर के एसडीएम सुंदर सिंह ने बाटनागाड़ क्षेत्र का मुआयना कर हालात का जायजा लिया है। साथ ही शीघ्र मलबा हटाने के लिए मशीनें बढ़ाने के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। श्रद्धालुओं सहित कुछ लोगों ने जंगल के कठिन रास्तों से गुजरते हुए आरपार किया।
इधर पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बड़ी मशीन लगवा मलबा हटवाने के साथ बरसात तक बाटनागाड़ में स्थाई रूप से डोजर रखने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने डीएम को पत्र भेजा है।